पहले बनाया चंद्रयान फिर ब्रम्हांड आनलाईन क्लास के माध्यम से दी जा रही जानकारी।

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए एकसाथ बच्चों को कराई जाती है आनलाईन पढ़ाई।

बभनी। वैश्विक महामारी को देखते हुए सरकार के द्वारा छात्र-छात्राओं कोआनलाईन की शिक्षा दी जा रही है विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय मझौली में प्रधानाध्यापक संदीप सिंह के द्वारा शिक्षा देने का एक अलग तरीका मिला। संदीप सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ सीमा से सटे आदिवासी बिहुल्य क्षेत्र होने के कारण हमारे क्षेत्र में सभी बच्चों के पास एंड्रॉयड फोन उपलब्ध नहीं है इसलिए सभी अविभावकों को समझाते हुए हमने सामाजिक दूरी बनाए रखने की बात समझाया और एक जगह आठ बच्चों को एक मीटर की दूरी पर बैठाकर पढ़ाया जाता है जिससे

सभी बच्चे पूरे हौसले के साथ पढ़ाई करते दिखते हैं आनलाईन होने के कारण हम भी उनके सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हैं और इस प्रकार बच्चे काफी उत्साहित दिखते हैं।इसी प्रकार विकास खंड के समीप उच्च प्राथमिक विद्यालय तेलजर में प्रधानाध्यापक शंभूनाथ जो अपने विद्यालय में बच्चों से फोम कार्टून व बैलून के माध्यम से चंद्रयान सूर्य पृथ्वी व समेत नौग्रहों को बनवाया था जिस विद्यालय को दुल्हन की तरह सजाकर रखे हैं और बच्चों से अन्य प्रकार के प्रयोग के बारे में बताया जाता है।लाकडाऊन लगे होने के कारण आनलाईन क्लास के माध्यम से इन सबके बारे में जानकारी दी जाती है इस तरह की पढ़ाई यदि देखा जाए तो हाई स्कूल व इंटर मीडिएट के के बच्चों को भी नहीं पढ़ाई जाती इस विद्यालय का हर छात्र कान्वेंट विद्यालयों के बच्चों की तरह मिलते हैं।जो प्रधानाध्यापक शंभूनाथ दिन-रात एक कर बच्चों का भविष्य संवारने में लगे होते हैं।

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