स्वास्थ्य डेस्क। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से आयुर्वेदिक उपचार पान के औषधीय गुण…..
भारतीय संस्कृति में पान को हर तरह से शुभ माना जाता है। धर्म, संस्कार, आध्यात्मिक एवं तांत्रिक क्रियाओं में भी पान का इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है।
*इसके अलावा पान का रोगों को दूर भगाने में भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने के बाद और मुंह का जायका बनाए रखने के लिए पान बहुत ही कारगर है। कई बीमारियों के उपचार में पान का इस्तेमाल लाभप्रद माना जाता है
- पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया की शिकायत दूर हो जाती है। इसके इस्तेमाल में एक सावधानी रखना जरूरी होती है कि पान की पीक पेट में न जाने पाए।
- चोट लगने पर पान को गर्म करके परत-परत करके चोट वाली जगह पर बांध लेना चाहिए। इससे कुछ ही घंटों में दर्द दूर हो जाता है। खांसी आती हो तो गर्म हल्दी को पान में लपेटकर चबाएं।
- यदि खांसी रात में बढ़ जाती हो तो हल्दी की जगह इसमें अजवाइन डालकर चबाना चाहिए। यदि किडनी खराब हो तो पान का इस्तेमाल बगैर कुछ मिलाए करना चाहिए।
- जलने या छाले पड़ने पर पान के रस को गर्म करके लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं। पीलिया ज्वर और कब्ज में भी पान का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। जुकाम होने पर पान में लौंग डालकर खाने से जुकाम जल्दी पक जाता है। श्वास नली की बीमारियों में भी पान का इस्तेमाल अत्यंत कारगर है। इसमें पान का तेल गर्म करके सीने पर लगातार एक हफ्ते तक लगाना चाहिए।
- पान में पकी सुपारी व मुलेठी डालकर खाने से मन पर अच्छा असर पड़ता है। यूं तो हमारे देश में कई तरह के पान मिलते हैं। इनमें मगही, बनारसी, गंगातीरी और देशी पान दवाइयों के रूप में ज्यादा कारगर सिद्ध होते हैं। भूख बढ़ाने, प्यास बुझाने और मसूड़ों की समस्या से निजात पाने में बनारसी एवं देशी पान फायदेमंद साबित होता है।
चेतावनी :पान का अत्यधिक प्रयोग मुंह के कैंसर का कारण भी हो सकता है। यहां सिर्फ पान के औषधीय महत्व की जानकारी दी गई है।
पीलिया का घरेलू उपचार-:
एक नग खाने का बंगला पान (खाने में चरपरा, तीखा लगता है) लेकर इस पान को चूना और कत्था लगाएं । अब इस पान में अंक (अकौंना, मदार जामुनी फूल वाला) का दूध 3-4 बूँद डालकर प्रात: खा लें | इससे पीलिया शर्तिया ठीक हो सकता है । यदि आंख की सफेद पुतली, ऊपरी आधी-चौड़ाई सतह ही पीली हुई हो तो 3 दिन यह पान खाने पर पीलिया एकदम ठीक हो जाता है । पूरी सफेद पुतली होने पर ठीक होने के लिये 5 दिन लग जाते है ।
आक पत्ते का दूध प्राप्त करने की विधि – 1. सूर्योदय से पूर्व आक का पत्ता तोड़ कर दूध निकाल लेना चाहिये । 2. आक का दूध चिकना होता है । और आंखों के लिये अत्यंत हानिकारक होता है ।
सावधानी – अत: पत्ते से दूध निकालते समय हाथ किसी प्रकार से आंखों में नहीं लगना चाहिये अन्यथा आंख पर गलती से भी आक का दूध लग जाने से आंख खराब हो सकती है । बच्चों से कभी आक का पत्ता, फूल तोड़ने को नहीं कहना चाहिये । 3. आक के पत्ते के पीछे सफेद रेशे रहते है । इन्हें पोंछकर साफ कर लेना चाहिये न पोंछने पर उल्टी हो सकती है । बरसात एवं बादल के समय पत्तों पर पीछे पीले-लाल रंग के कीड़े रहते हैं उन्हें हटा देना चाहिए ।
गन्ने का रस पीलिया रोग में बड़ा लाभ-प्रद है यह पीलिया की जड़ काट देता है l