धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से चन्द्र का पांचवें भाव में फल……
पांचवें भाव में स्थित चंद्रमा के परिणाम में सूर्य, केतू और चंद्रमा का प्रभाव रहेगा। जातक हमेशा सही तरीके से पैसा कमाने की कोशिश करेगा, वह कभी भी गलत तरीके नहीं अपनाएगा। वह व्यापार में तो अच्छा नहीं कर पाएगा लेकिन निश्चित रूप से सरकार की ओर से सम्मान और सहयोग प्राप्त करेगा। उसके द्वारा समर्थित कोई भी जीत जाएगा। यदि केतू सही स्थान पर बैठा है और फायदेमंद है तो जातक के पांच पुत्र होंगें चाहे चंद्रमा किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव में ही क्यों न हो। अपनी शिक्षा और सीख के कारण जातक दूसरों के कल्याण के लिए अनेक उपाय करेगा लेकिन दूसरे उसके लिए अच्छा नहीं करेंगे। अगर जातक लालची और स्वार्थी हो जाता है तो वह नष्ट हो जाएगा। यदि जातक अपनी योजनाओं को एक गुप्त रखने में विफल रहता है, उसके अपने ही लोग उसे नुकसान पहुंचाएंगे। राधेय शास्त्री ज्योतिष समाधान
उपाय
- अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग न करें ऐसा करना मुशीबतों को निमंत्रण देना होगा।
- लालची और स्वार्थी बनने से बचें।
- दूसरों के साथ छल और बेईमानी न करें, इसका आप पर ही प्रतिकूल असर होगा।
- किसी के खिलाफ कुछ करनें से पहले किसी और से सलाह जरूर लें इसका आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आप 100 सालों तक जिएंगे।
- लोगों की सेवा करें इससे आपकी आमदनी और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।