करोड़ों की ठगी में शाइन सिटी कंपनी का प्रेसीडेंट गिरफ्तार, 22 मुकदमों में है आरोपी

लखनऊ।करोड़ों की ठगी के मामले में लखनऊ के गोमतीनगर स्थित रीयल एस्टेट कंपनी शाइन सिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रेसीडेंट ज्ञान प्रकाश उपाध्याय को शनिवार रात पुलिस ने दबोच लिया। इंस्पेक्टर प्रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ज्ञान के खिलाफ गोमतीनगर थाने में ठगी के 22 मुकदमे दर्ज हैं।

कंपनी प्लॉट, निवेश और सस्ते दाम पर नई लग्जरी कारें बेचने के नाम पर रुपया ऐंठती थी। रविवार दोपहर आरोपी को जेल भेज दिया गया। इससे पहले कंपनी की कर्मचारी उत्तमा अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

इंस्पेक्टर ने बताया कि गोमतीनगर के आर स्क्वॉयर मॉल स्थित शाइन सिटी कंपनी ने प्लॉट के नाम पर यूपी के विभिन्न जनपदों के अलावा बिहार में लोगों से अरबों रुपये ऐंठे हैं। कंपनी के एमडी राशिद नसीम, आसिफ नसीम, शब्बीर अहमद, रविकांत तिवारी, सोनल अग्रवाल, अमिताभ श्रीवास्तव, मीरा श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह, आलोक शुक्ला, सुरभि शुक्ला, दीपक भारती, विष्णु प्रसाद वर्मा, नाजिम शेख, मंसूर खान समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारियों पर ठगी, धोखाधड़ी के 100 से अधिक मामले हैं।

*अन्य आरोपियों की तलाश जारी*
राशिद समेत अन्य आरोपी अधिकारी-कर्मचारी फिलहाल भागे हुए हैं। शनिवार रात कंपनी के प्रेसीडेंट ज्ञान के एसआरएस मॉल के आस-पास मौजूद होने की जानकारी मिली। इस पर एसआरएस चौकी प्रभारी उमेश कुमार सिंह के साथ आरक्षी विनोद कुमार, अनुज पटेल, दीपक कुमार ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया।

ज्ञान प्रकाश मूलरूप से अयोध्या के पूराकलंदर रानी बाजार स्थित सथरी गांव का है और यहां महानगर की सीआईडी कॉलोनी में रह रहा था। वह कंपनी की विभिन्न योजनाओं का संचालन कर लोगों को ठगता था। एमडी राशिद नसीम समेत अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
बैंक खाते किए सीज
एमडी के दुबई भागने की आशंका
शाइन सिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के आर स्क्वॉयर स्थित ऑफिस में ताला लगा है। ठगे गए सैकड़ों लोग चक्कर लगा रहे हैं, पर उन्हें कोई सहारा नजर नहीं आ रहा। कंपनी के एमडी राशिद नसीम के दुबई भागने की आशंका है।

*- कंपनी के 20 बैंक खाते सीज किए*
सहायक पुलिस आयुक्त गोमतीनगर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि शाइन सिटी कंपनी के विभिन्न बैंकों में मौजूद 20 खाते सीज कर दिए गए हैं। हालांकि, पुलिस सूत्रों का कहना है कि जो खाते पुलिस ने सीज किए हैं, उनमें 10 से 15 लाख रुपया ही जमा था। कुछ अन्य खाते हैं, जिनमें करोड़ों रुपये हैं। सहायक पुलिस आयुक्त ने कहा कि जांच जारी है। अन्य खातों के बारे में जानकारी मिलने पर उन्हें भी सीज किया जाएगा।

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