जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से राहु (महिलाओं के लिए)…..

धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से राहु (महिलाओं के लिए)…..

राहु एक तमोगुणी म्लेच्छ और छाया ग्रह माना गया है। इसका प्रभाव शनि की भांति ही होता है।

यह तीक्ष्ण बुद्धि, वाकपटुता, आत्मकेंद्रिता, स्वार्थ, विघटन और अलगाव, रहस्य, मति भ्रम, आलस्य छल – कपट ( राजनीति ) , तस्करी ( चोरी ), अचानक घटित होने वाली घटनाओं, जुआ और झूठ का कारक है।

राहु से प्रभावित स्त्री एक अच्छी जासूस या वकील, अच्छी राजनीतिज्ञ हो सकती है। वह आने वाली बात को पहले ही भांप लेती है। विदेश यात्राएं बहुत करती है।

कुंडली में राहु जिस राशि में स्थित होता है वैसे ही परिणाम देने लगता है। अगर बृहस्पति के साथ या उसकी राशि में हो तो स्त्री को ज्योतिष में रूचि होगी। शनि के प्रभाव में हो तो तांत्रिक-विद्या में निपुण होगी। चंद्रमा के साथ हो तो वह कई सारे वहमों में उलझी रहेगी, जैसे उसे कुछ दिखाई दे रहा है (भूत-प्रेत आदि)…., या भयभीत रहती है। अगर वह ऐसा कहती है तो गलत नहीं कह रही होती क्योंकि अगर स्त्री के लग्न में राहु हो या राहु की दशा-अन्तर्दशा में ऐसी भ्रम की स्थिति हो जाया करती है।

राहु से प्रभावित स्त्री की वाणी में कटुता आ जाती है। वह थोड़ी घमंडी भी हो जाया करती है। भ्रमित रहने के कारण वह कई बार सही गलत की पहचान भी नहीं कर पाती जिसके फलस्वरूप उसका दाम्पत्य जीवन भी नष्ट होते देखा गया है। राहु के दूषित प्रभाव के कारण स्त्री चर्म -रोग, मति-भ्रम, अवसाद रोग से ग्रस्त हो सकती है।

राहु को शांत करने के लिए दुर्गा माँ की आराधना करनी चाहिए। खुल कर हँसना चाहिए। मलिन और फटे वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। गहरे नीले रंग से परहेज करना चाहिए। काले रंग की गाय की सेवा करनी चाहिए। मधुर संगीत सुनना चाहिए। रामरक्षा स्तोत्र का पाठ भी लाभदायक रहेगा। इसकी शांति के लिए गोमेद रत्न धारण किया जा सकता है लेकिन किसी अच्छे ज्योतिषी की राय ले कर ही।

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