पाकिस्तन में महाशिवरात्रि क  पावन पर्व पर हिंदू परंपरा से पूरी श्रद्धा से देवों के देव महादेव की पूजा करने के लिए शिवालय में उमड़ा जन  सैलाब

इस्लामाबाद।पाकिस्तन के हिंदू महाशिवरात्रि क पावन पर्व पर हिंदू परंपरा के मुताबिक ही पाकिस्तान में स्थित गिने-चुने शिव मंदिर हैं, उनमें दर्शन और जलाभिषेक के लिए पूरी श्रद्धा से देवों के देव महादेव की पूजा करने उमड़ा जन सैलाब । आज हम आपके लिए लाए हैं पाक के ऐसे ही तीन प्रमुख मंदिर, जहां महाशिवरात्रि पर रहती है धूम।

कटासराज शिव मंदिर

पडोसी मुल्क के पंजाब में स्थित शिव कटासराज मंदिर हिंदुओं के लिए एक बड़े तीर्थ स्थल का दर्जा रखता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब माता सती ने हवन कुंड में समाधी ली थीं, तब भगवान शिव की आंखों से दो आंसू टपके थे। एक आंसू कटास में, जो सरोवर अमृत कुण्ड के नाम से मशहूर है और दूसरा अजमेर में टपका, जहां पुष्करराज तीर्थस्थल स्थित है। कोई देखभाल ना होने की वजह से अब कटास मंदिर में स्थित सरोवर सूख गया है। यह शिव मंदिर लगभग 900 वर्ष प्राचीन माना जाता है।

उमरकोट शिव मंदिर

पाक के सिंध प्रांत के उमरकोट में 1000 वर्ष प्राचीन विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर के दरवाजे 72 वर्ष बाद भक्तों के लिए कुछ दिन पहले ही खोले गए हैं। ऐतिहासिक स्रोतों के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में किया गया था, जिस दौरान भारत में खजुराहो का मशहूर मंदिर बना था। पाकिस्तान स्थित तेजा सिंह मंदिर का स्थापत्य और इसकी नक्काशी अपने सुनहरे अतीत की याद दिलाती है, जिसमें भारतीय स्थापत्य की झलक दिखती है। बंटवारे के बाद पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने मंदिर को विस्फोट आदि से बहुत नुकसान पहुंचाया था।

कराची शिव मंदिर

पाकिस्तान के कराची शहर में 150 वर्ष पुराना भगवान शिव का भव्य मंदिर स्थित है। इस मंदिर में रत्नेश्वर महादेव के नाम से पहचाना जाता है। इस मंदिर में सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं और प्रत्येक रविवार को यहां विशाल भंडारा होता है। कट्टरपंथियों द्वारा यह मंदिर बहुत बार क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। सन् 2014 में पाकिस्तानी हिंदुओं ने इस मंदिर को बचाने के लिए अभियान चलाया था।सौजन्य से नेशनल न्यूज़ ट्रैक।

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