झुलसा से बची आलू की फसल जंगली सुकरो के निशाने पर
अरहर की फसलों के शत्रु बन टूट रहा बन्दरो का झुण्ड
पंकज सिंह/विकास अग्रहरि@sncurjanchal
म्योरपुर विकास खण्ड क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में कभी मौसम तो कभी जंगली जानवरों के कारण किसानों के आय बृद्धि जगह उनकी मेहनत एवं लागत की भी वापसी नही हो पा रही है। वही क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण किसानों की कमर तोड़ डाली है।
विकासखंड क्षेत्र की भूमि पथरीली कनकरिली एवं गैर सिंचित है वर्षा आधारित खेती के भरोसे किसान अपने सपने बुनता है जिस पर कभी मौसम की मार तो कभी जंगली जानवरों के कारण सपने बिखर जाते हैं किसान अपनी किस्मत को दोष दे संतोष करने को विवश होते हैं इन दिनों आलू की फसलों पर सूकरों का दल धावा बोल चैट कर रहा है वहीं अरहर के खेतों में बंदरों का झुंड पूरे दिन फूल फल को नोचने में जुटा रह रहा है किसान बंदरों को एक ओर भगाते हैं तब तक दूसरी और बंदरों की टोली नजर आती है खैराही, किरवानी,रन टोला,कटौन्धी, मनबस,करमड़ार,रासपहरि, कुशमाहा, गंभीरपुर,डडीहरा,परनी,म्योरपुर सहित दो दर्जन से अधिक गांव में झुलसा के प्रकोप से बचा आलू सुकरो का आहार बन चुका है वहीं इन दिनों बंदर अरहर के खेतों में स्थाई रूप से जम गए हैं ग्रामीण रामदेव,सोबरन, शिवराज,राय सिंह, मान रूप, शिवलोचन ने बंदरों एवं सुकरो के आतंक से जिला अधिकारी से मुक्ति दिलाए जाने की मांग की है
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