भारत में राष्ट्र का मतलब संस्कृति और संस्कार: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

संजय द्विवेदी

*प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जंगमबाड़ी मठ में जगद्गुरु विश्वाराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह को किया सम्बोधित*

*अयोध्या में अधिग्रहित की गई 67 एकड़ जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को ट्रांसफर की जाएगी*

*एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नए भारत की दिशा तय करेगा*

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में राष्ट्र का ये मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहां जीत हासिल की, किसकी कहां हार हुई। हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है, यहां रहने वालों के सामर्थ्य से बना है। उन्होंने कहा कि देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है। नागरिक के संस्कार को उसकी कर्तव्य भावना श्रेष्ठ बनाती है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नए भारत की दिशा तय करेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को काशी स्थित जंगमबाड़ी मठ में जगद्गुरु विश्वाराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 19 भाषाओं में अनूदित ग्रंथ का लोकार्पण एवं मोबाइल एप की लॉन्चिंग करते हुए कहा कि तुलसीदास जी कहा करते थे ‘संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोउ’। इस भूमि की यही विशेषता है। ऐसे में वीरशैव जैसी संत परंपरा को युवा पीढ़ी तक पहुंचा रहे जगद्गुरु विश्वराध्य गुरुकुल का शताब्दी वर्ष एक गौरवशाली क्षण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संस्कृत और संस्कृति की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संतवाणी का साक्षी बनने का अवसर कम ही मिल पाता है। उन्होंने कहा कि भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचना चाहिए। एक ऐप के माध्यम से इस पवित्र ज्ञानग्रंथ का डिजिटलीकरण युवा पीढ़ी के जुड़ाव को और बल देगा। उनके जीवन की प्रेरणा बनेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट- ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन करने की भी घोषणा की है। ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर, भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का काम देखेगा और सारे निर्णय लेगा। अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ा एक और बड़ा फैसला सरकार ने किया है। अयोध्या कानून के तहत जो 67 एकड़ जमीन अधिगृहित की गई थी, वो भी पूरी की पूरी, नवगठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को ट्रांसफर कर दी जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संस्कृत भाषा और दूसरी भारतीय भाषाओं को ज्ञान का माध्यम बनाते हुए, टेक्नॉलॉजी का समावेश आप कर रहे हैं, वो भी अद्भुत है। सरकार का भी यही प्रयास है कि संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं का विस्तार हो, युवा पीढ़ी को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि मठों एवं संतों द्वारा दिखाए रास्ते पर चलते हुए, हमें अपने जीवन के संकल्प को पूरा करना है और राष्ट्र निर्माण में भी अपना पूरा सहयोग करते रहना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 5-6 वर्षों में अगर गंगाजल में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है तो इसके पीछे भी जनभागीदारी का बहुत महत्व है। मां गंगा के प्रति आस्था और दायित्व का भाव आज अभूतपूर्व स्तर पर है। नमामि गंगे अभियान के तहत 7 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर काम पूरा हो चुका है। 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर कार्य प्रगति पर है। जिन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, उनको भी हम तेजी से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।

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