बोले पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल, फ्रीडम ऑफ फंडामेंटल राइट्स को प्रोटेक्ट करना जरूरी

राहुल गांधी के डंडा मारो वाले बयान का किया बचाव
-धर्म-जाति को ध्यान में रख कर राज करना न्याय नहीं
-कश्मीर के मुद्दे पर गहराई से अध्ययन की जरूरत
-शाहीन बाग कोई नया नहीं, सरकार पूरे के अनुभवों से सीखे

संजय सिंह

वाराणसी। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल ने केंद्र की भाजपा सरकार के हालिया फैसलों पर कहा कि उसे न तो पूरी तरह से सही ठहराया जा सकता, न पूरी तरह से गलत। इसके लिए बहुत गहराई से उसका अध्ययन करना जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में सबसे जरूरी है कि सब लोग मिल कर फ्रीडम ऑफ फंडामेंटल राइट्स को प्रोटेक्ट करें। इसके लिए लगातार प्रयास करते रहना होगा।

कश्मीर के मुद्दे पर गहराई से अध्ययन की जरूरत
जम्मू कश्मीर के अंदर दो दो मुख्यमंत्रियों को नजरबंद किए जाने के प्रश्न पर शिवराज पाटिल ने कहा कि देखिए जो कानून बना है उसे वह कर रहे हैं। जो वह कर रहे हैं या जो हो रहा है, इसे कोई भी न गलत न ही बोल सकता है कि यह पूरी तरह से सही है। कोई अभी नहीं बोल सकता कि इसको हटाने के बाद वहां कुछ नहीं होगा। कुछ लोग इसका फायदा लेकर कुछ ज्यादा गड़बड़ करेंगे। इस समय बहुत नाजुक चीजे हैं आप कुछ लिखेंगे, मैं कुछ बोलूंगा, वह कुछ बोलेंगे. दूसरी पार्टियां कुछ बोलेंगी इससे हमारे देश की हालत बिगड़ने में मदद होगी सुधारने में नहीं। ऐसे में इस वक्त जरूरी ये है कि जितना भी हो सके फ्रीडम ऑफ फंडामेंटल राइट्स को प्रोटेक्ट करें।

*धर्म से राज चलाने से न्याय नहीं होगा*

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने और सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू करने तथा शाहीन बाग के मुद्दे पर पाटिल ने भले ही खुल कर कुछ नहीं कहा, पर इशारों ही इशारों में सब कुछ कह दिया। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। कहा कि वो कहते है कि धर्म का नाम लेने से ही सब कुछ सही होगा। लेकिन यह सही नहीं है, धर्म और जाति को ध्यान में रख कर राज करने से न्याय नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया में जितने भी देशों में लोकशाही है वहां सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलते ही रहते हैं। पाटिल ने यहां भी किसी का नाम ने लेते हुए इशारों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर इशारा करते हुए कहा कि देखिए विपक्ष किस तरह के आरोप लगा रहा है उन पर।

*शाहीन बाग कोई नया नहीं, सरकार पूरे के अनुभवों से सीखे*

पाटिल निजी दौरे पर बनारस आए थे। उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेता मनीष उपाध्याय के निवास पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में शाहीन बाग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को पूर्व के अनुभवों से भी सीखना चाहिए। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि आप शाहीन बाग की बात कर रहे हैं, सही है अगर लोगों को तकलीफ हो रही है तो ऐसा नहीं होना चाहिए और इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए। मगर यह लोग यह भूल रहे हैं कि रेलवे की स्ट्राइक कितने दिन चली थी। रेलवे के स्ट्राइक को मैंने हैंडल नहीं किया था। मगर डिफेंस प्रोडक्शन के यूनिट की स्ट्राइक कितने दिन चली, उस स्ट्राइक को मैंने हैंडल किया था। मिसेज इंदिरा गांधी थी उस समय और टेक्सटाइल की स्ट्राइक कितने दिन चली, 6 – 6 महीने, 7 – 7 महीने। ये सारी चीजें ध्यान में रख कर बोलना चाहिए।

*बच्चों के लिए कुछ नहीं करोगे तो वो डंडा तो चलाएंगे ही

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी के डंडा मारो वाले बयान का बचाव करते हुए कहा कि मैनें न तो उनका बयान पढ़ा है न सुना है, टीवी पर जो दिखाया जा रहा है उसके आधार पर यह जरूर कह सकता हूं कि बच्चों के लिए आप कुछ नहीं करोगे तो वो गुस्से में डंडा तो चलाएंगे ही। साथ ही कहा कि लगता है राहुल गांधी ने इसी परिप्रेक्ष्य में डंडा मारने वाली बात कही होगी।

*करोना को संभाल लेगा चीन*

करोना वायरस के सवाल पर शिवराज पाटिल ने कहा कि उसको इतना मत लो, पहले फ्लेग होता था तो कितने लोग एक साथ मर जाते थे। रोम का पूरा कंट्री हैजा में पूरा खत्म हो गया था। उनकी पूरी मिलिट्री उसके अंदर खत्म हो गई। ऐसे में वो इस मर्ज को भी संभाल लेंगे।

चीन में फंसे लोगों को भारत लाने की पहल करता है तो सही है
ऐसे में पाकिस्तान के जो लोग चीन में फंसे हुए हैं उनको निकालने के लिए अगर भारत सरकार की ओर से कहा गया है तो मुझे लगता है कि यह अच्छा किया गया है, गलत नहीं किया। अगर वहां लोग फंसे हैं, उनके आने का इंतजाम नहीं हो रहा है और हमारा हवाई जहाज जा रहा है, हम लेकर आ सकते हैं तो हम ले करके आएंगे। किसी भी देश के आदमी को अगर तकलीफ हो रही है, हम उसकी मदद कर सकते हैं तो करेंगे।|

*प्राचीन सभ्यता संस्कृति का संरक्षण जरूरी*

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पाटिल ने बनारस और खास तौर पर विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर पुरानी काशी को समाप्त किए जाने पर कहा कि सैकड़ों साल पुरानी सभ्यता, संस्कृति का संरक्षण होना चाहिए। उसे नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। पुरानी चीजें फिर लौट कर नहीं आतीं। आप दिल्ली और मुंबई की तरह नई काशी का निर्माण करते तो ज्यादा बेहतर होता, सालों साल तक लोग उसकी तारीफ करते।

*स्मार्ट सिटी पुराने शहर में नहीं बसाई जा सकती*

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी पुराने शहर में नहीं तब्दील की जा सकती। उसके लिए पुराने शहर से बाहर भूखंड लेकर नए सिरे से नियोजित शहर बसाने पर काम होना चाहिए। वर्तमान में जो हो रहा है उससे तो नया तो नहीं हो पाएगा पुराना भी खत्म हो जाएगा। यह सही सोच नहीं।

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