जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सरस्वती स्त्रोत्र……..

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सरस्वती स्त्रोत्र……..

ॐ रवि-रुद्र-पितामह-विष्णु-नुतं, हरि-चन्दन-कुंकुम-पंक-युतम्!

मुनि-वृन्द-गजेन्द्र-समान-युतं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥1॥

शशि-शुद्ध-सुधा-हिम-धाम-युतं, शरदम्बर-बिम्ब-समान-करम्।

बहु-रत्न-मनोहर-कान्ति-युतं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥2॥

कनकाब्ज-विभूषित-भीति-युतं, भव-भाव-विभावित-भिन्न-पदम्।

प्रभु-चित्त-समाहित-साधु-पदं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥3॥

मति-हीन-जनाश्रय-पारमिदं, सकलागम-भाषित-भिन्न-पदम्।

परि-पूरित-विशवमनेक-भवं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥4॥

सुर-मौलि-मणि-द्युति-शुभ्र-करं, विषयादि-महा-भय-वर्ण-हरम्।

निज-कान्ति-विलायित-चन्द्र-शिवं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥5॥

भव-सागर-मज्जन-भीति-नुतं, प्रति-पादित-सन्तति-कारमिदम्।

विमलादिक-शुद्ध-विशुद्ध-पदं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥6॥

परिपूर्ण-मनोरथ-धाम-निधिं, परमार्थ-विचार-विवेक-विधिम्।

सुर-योषित-सेवित-पाद-तमं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥7॥

गुणनैक-कुल-स्थिति-भीति-पदं, गुण-गौरव-गर्वित-सत्य-पदम्।

कमलोदर-कोमल-पाद-तलं,तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्॥8॥

माँ सरस्वती की पूर्ण कृपा एवं मोक्ष प्राप्त करने हेतु इस स्तोत्र का प्रतिदिन कम से कम तीन बार अवश्य पाठ करें।

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