करोणों के घोटाले का मामला प्रकाश में आते ही फैली सनसनी

डाला /सोनभद्र|चोपन विकास खण्ड के कोटा ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सदस्यों द्वारा सरकारी धन के बंदरबाट के शिकायत की जॉच पूरी होते ही 17826100 (एक करोण अठहत्तर लाख छब्बीस हजार एक सौ रुपए ) का घोटाला ग्राम प्रधान व सचिव के दुरभिसंधि का मामला प्रकाश मे आया, घोटाला सामने आते ही जिलाधिकारी ने कोटा ग्राम प्रधान मुरहिया देवी व सचिव वृजेष सिंह को कारण बताओ नोटीस देकर एक पक्ष के भीतर जबाब मॉगे जाने से कोटा ग्राम पंचायत मे हडकम्प मच गया है|

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्यों ने ग्राम प्रधान व सचिव पर सरकारी धन के बन्दर बाट की शिकायत कुछ माह पूर्व जिलाधिकारी के समक्ष शपथ पत्र देकर की थी जिसकी जॉच जिलाधिकारी द्वारा टीम बनाकर कराई गई ,जॉच टीम ने हर बारीकीयों की जॉच के दौरान कोटा ग्राम पंचायत मे 48 कार्यों मे घोटाला उजागर किया साथ ही जॉच के दौरान जॉच टीम ने 258 सोलर लाईट के भुगतान मे तकनीकी खामिंयॉ पाई, उसके उपरांत जॉच टीम ने सोलर लाइट के गुणवत्ता के लिए नेडा विभाग से पत्राचार के दौरान प्राप्त हुआ की सोलर लाईट का बितरण करने वाली आपूर्ति व स्थापितकर्ता फर्म एम एन आर आई व यूपी नेडा विभाग से अनुमोदित फर्म नही है जिसके गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करते हुए सोलर लाईट घोटाले का भुगतान वसुली योग्य है, ग्राम पंचायत मे किए गए कार्य के अभिलेखों में विभिन्न प्रकार की प्रक्रियात्मक कमियां पाई गई जहां कार्य प्रारंभ करते समय कार्य समाप्ति तीनों स्तरों की फोटो ना लगाया जाना पत्रावली वह कोटेशन एवं टेंडर संबंधी नोटिस एवं तुलनात्मक विवरण न पाया जाना कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र पत्रावली में रक्षित ना होना माप पुस्तिका में कार्य आरंभ एवं पूर्ण होने की तिथि अंकित ना होना कार्यदाई संस्था तथा माफी किसके द्वारा की गई का उल्लेख न किया जाना सामग्री का भुगतान किए जाने संबंधी कोटेशन और टेंडर का उल्लेख किया जाना किस माध्यम से सामग्री क्रय की गई है का उल्लेख न होना आदि पाया गया | जिला प्रशासन ने एक पक्ष (15 दिन )के भीतर साक्ष्य अधोहस्ताक्षरी के समक्ष एक प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करें, यदि आपके द्वारा नियत अवधि के भीतर अपना उत्तर प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो यह मान लिया जाएगा इस सन्दर्भ मे आपको कुछ नही कहना है,तभी विधिक कार्रवाई सुनिश्चित कर ली जाएगी तथा ग्राम पंचायत के कार्य संचालन हेतु तीन सदस्यी प्रशासनिक समिति का गठन कर दिया जाएगा |

इस संदर्भ में खण्ड विकाश अधिकारी प्रदीप पाण्डेय ने बताया की जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई कारण बताओ नोटीस ग्राम पंचायत व सचिव को प्राप्त करा दी गई है साथ ही जिलाधिकारी द्वारा अग्रीम आदेश के उपरांत ही कठोर कार्यवाही की जाएगी|

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