स्वास्थ्य डेस्क । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से लौकी के घरेलू उपचार…..

सब्जी के रुप में खाए जाने वाली लौकी हमारे शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है। यह बेल पर पैदा होती है और कुछ ही समय में काफी बड़ी हो जाती है। वास्तव में यह एक औषधि है और इसका उपयोग हजारों रोगियों पर सलाद के रूप में अथवा रस निकालकर या सब्जी के रुप में एक लंबे समय से किया जाता रहा है।लौकी को कच्चा भी खाया जाता है, यह पेट साफ करने में भी बड़ा लाभदायक साबित होती है और शरीर को स्वस्य और शुद्ध भी बनाती है। लंबी तथा गोल दोनों प्रकार की लौकी वीर्य वर्धक , पित्त तथा कफनाशक और धातु को पुष्ट करने वाली होती है। आइए इसके औषधीय गुणों पर एक नज़र डालते हैं-
- हैजा होने पर 25 एम.एल. लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे मूत्र बहुत आता है।
2.खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है।
3.हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
4.लौकी में श्रेष्ठ किस्म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है।
5.लौकी श्लेषमा रहित आहार है। इसमें खनिज लवण अच्छी मात्रा में मिलते है।
6.लौकी के बीज का तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शक्ति देता है। यह रक्त की नाडि़यों को भी तंदुरस्त बनाता है। लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्ज, पीलिया, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal