धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से विदेश यात्रा योग….

1- दुसरे भाव अथवा एकादश भाव में सूर्य और चंद्रमा से अतिरिक्त दो या दो से अधिक ग्रह स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति जीवन में एकबार अवश्य ही विदेश यात्रा करता है !
2- लग्न भाव का अधिपति, राहू, और केतु में से एक ग्रह बारहवे भाव में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति विदेश यात्रा करता है !
3- नवम एवं बारहवे भाव भाव के स्वामी आपस में स्थान परिवर्तन करके स्थित हो तो भी व्यक्ति विदेश यात्रा करता है !
4- लग्नेश बारहवे भाव में स्थित हो और एवं दशम भाव में कोई ग्रह स्थित न हो तो व्यक्ति विदेश यात्रा करता है !
5- लग्न भाव का अधिपति और नवम भाव का अधिपति नवम भाव में स्थित हो तो भी व्यक्ति विदेश यात्रा करता है !
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