समर जायसवाल –
स्थानीय कस्बे के डीसीएफ कॉलोनी में नागरिकता बिल को लेकर किया गया जागरूक । यदि देश का बटवारा धार्मिक आधार पर नही हुआ होता तो नागरिकता संशोधन अधिनियम2019 की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।कांग्रेस की नीतियों के कारण ही देश का धर्म के आधार पर बटवारा हुआ ।1950 में हुए देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और लियाकत अली के समझौते के अनुसार दोनों देश अपने यहाँ रहने वाले अल्पसंख्यको के हितों की रक्षा करेंगे और उन्हें अपने धर्म के सम्मान और रक्षा की पूरी छूट दी जाएगी लेकिन पाकिस्तान में यह समझौता पूरी तरह फेल हो गया ।1947 में पाकिस्तान में जहाँ अल्पसंख्यको की संख्या 23 प्रतिशत थी वो आज 1.6 प्रतिशत रह गई हैं।इसलिए पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यको के हितों को देखते हुए केन्द्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 लाया गया ।उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि ने कही।
वर्तमान मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम2019 बनाकर गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।गांधीवादी मानवीयता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण मोदी जी की सरकार ने दिया है।आज के विभाजित वैश्विक परिदृश्य में यह अनुपम उदाहरण है जिससे धर्म के आधार पर भारत विभाजन का दंश झेल रहे लाखों परिवारों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक विद्वेष के कारण अमानवीय यातनाओ की पीड़ा झेल रहे हिन्दुओ ,सिख, जैन ,बौद्ध,ईसाई और पारसी की समस्याओं के समाधान के लिए दृढ राजनैतिक इच्छाशक्ति, अटूट प्रतिबद्धता, पूर्ण समर्पण, दूरदर्शिता तथा हृदय में राष्ट्रहित सर्वोपरी की भावना के अतिरिक्त राजनीतिक दबाओ से ऊपर उठकर निर्णय लेने की आवश्यकता थी। वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठकर वर्तमान मोदी जी की सरकार ने सभी प्रकार की बाधाओं और जटिलताओं पर विजय प्राप्त की।इस अवसर पर रूबी परवीन, आर मैथो, सदिका ,इशरत बानो, शहनाज ,शबनम बेगम,जरीना, मरीना,जुबेदा बेगम, मुन्नी बेगम, शायरा बानो, रुखसार आरा, खुर्शीदा,हीना परवीन,निशाद बेगम, सरवरी बेगम ,शान्ति देवी,सोनु खान, प्रभावती देवी,रवि प्रकाश ,शान्ति देवी सहित दशरथ जायसवाल उपस्थित रहे।