पिंडारी गांव में जंगल की जमीन को अवैध तरीके से कब्जा करने की कोशिश पर ग्रामीणों ने लगाया आरोप

म्योरपुर सोनभद्र (विकास अग्रहरी/पंकज सिंह)जगल की जमीनों पर हो रहे अवैध अतिक्रमण के मामलें थमने का नाम नहीं ले रहे हैं अभी तक लीलासी वन भूमि कब्जे के मामले पर कोई हल नही निकल पाया है वहीं एक नया मामला वन प्रभाग रेनुकूट के म्योरपुर रेंज अन्तर्गत ग्राम पंचायत पिंडारी के मनरहवा टोले का है जहां ग्रामीणों ने गांव के ही दो व्यक्तियों पर जंगल की जमीन को जोतकोड़ कर अवैध अतिक्रमण कर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की मांग की है। पिंडारी ग्राम पंचायत के मनरहवा टोले के विष्णु यादव, कविराज, कैलाश, हीरालाल, राजबली, विनोद पनिका, अवध बिहारी, राम लखन, गोविंद, अरविंद आदि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री व वन मंत्री को पत्र लिखकर जंगल की जमीन पर अवैध कब्जे की जांच करा कर कार्रवाई की मांग की है।ग्रामीणों ने बताया कि थाना बीजपुर के पिंडारी गांव के मनरहवा टोले के जंगलों में सागौन आदि के बेशकीमती वृक्ष सुरक्षा खाई के अंदर वन विभाग द्वारा रोपित किया गया था। इसी बीच वन भूमि के लगभग दो बीघा जमीन पर सागौन आदि के वृक्षों को अवैधानिक ढंग से वन भूमि पर अवैध कब्जे की नीयत से हमारे गांव के ही रहने वाले 2 लोगों द्वारा काटकर नष्ट कर दिया गया है तथा वन भूमि को कृषि भूमि में तब्दील कर दी गई है। इनके इस हरकत की कई बार मौखिक, लिखित शिकायत म्योरपुर रेंज कार्यालय जाकर की गई और वाचर, वन रक्षक, वन दरोगा को इस बात से अवगत भी कराया गया परंतु कोई भी ऐसी कार्रवाई म्योरपुर रेंज द्वारा अवैध अतिक्रमण कार्यों के विरुद्ध नहीं की गई जिससे अतिक्रमण रुके।बाध्य होकर हम ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री के पास 26 सितंबर 2019 को एक प्रार्थना पत्र डाक द्वारा भेजा था और 22 अक्टूबर 2019 को वन विभाग का अधिकारी कर्मचारी जांच के लिए आए भी थे परंतु अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं दी गई। ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि ये हमारी शिकायत की सूचना के बारें में अतिक्रमणकारियों को बता रहे हैं। इससे खफा होकर वन भूमि की अतिक्रमणकारियों द्वारा हम शिकायतकर्ताओं को तरह-तरह की धमकी दी जा रही है,और यह भी गांवों में प्रचारित किया जा रहा है कि क्या हुआ कितना शिकायत करोगे टीम आई थी बीस हजार की मांग किया और हमने उन्हे बारह हजार रुपये दे दिए हैं अब जमीन नहीं छोड़ेंगे अब और भी अपने कब्जे का दायरा जंगल में बढ़ाएंगे।इस मामले पर हमनें 5 नवंबर 2019 को भी प्रार्थना पत्र भेजा था लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी जी को पत्र लिखकर जांच कराकर उचित कार्रवाई की मांग की है।

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