जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से पढाई कैसे करें ,पढ़ाई का महत्व……..

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से पढाई कैसे करें ,पढ़ाई का महत्व……..


हमारे जीवन में पढ़ाई का बहुत महत्व है. जो व्यक्ति अपनें जीवन में शिक्षा का ज्ञान प्राप्त कर लेता है, वह ज्ञानी हो जाता है और जो ज्ञानी होता है वो मनुष्य अपनें क्रोध पर विजय प्राप्त कर लेता है. आजकल हर बच्चें के मन में यहीं होता है कि वह सबसे अच्छे नंबर लेकर पास हो. शिक्षा पर हर मनुष्य का अधिकार होता है लेकिन इसमें वहीं सफलता प्राप्त करता है जो परिश्रम करता है. अगर हमें अपने जीवन में कुछ करना है, तो हमें शिक्षा प्राप्त करनीं होगीं. आप जितना अभ्यास करोंगे आपको सफलता उतनी ही आसानी से मिल जायेगीं.

आज के युग में पढ़ाई करना और अच्छे नंबर से पास होना किसी लड़ाई से कम नहीं है. अगर आपको ये लड़ाई जीतनी है तो आपको सबसे पहले इसके लिए रणनीति बनानी होगीं और उसके अनुसार तैयारी करनी होगीं. तभी आप सफलता प्राप्त कर सकेगें.

किताबे हमें ज्ञान देतीं है और बदले में कुछ नहीं लेती. अगर परिवार में से एक स्त्री शिक्षित हो तो वह पुरे परिवार को शिक्षित कर देतीं है. हम शिक्षा प्राप्त करकें खुद तो जागरूक होते है साथ ही अपने से जुड़े लोगो को भी इसका महत्व बताते है.

जो व्यक्ति शिक्षा प्राप्त कर लेता है वह कभी मार नहीं खाता और वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होता है, जो शिक्षा प्राप्त नहीं करता वह अपनें जीवन में और सभी लोगो से पीछें रहता है और साथ ही जागरूक भी नहीं होता.

हम कई बार देखतें है कि कई विद्यार्थी फेल होने पर आत्महत्या कर लेते है, जो कि गलत है. ऐसा नहीं है कि जो पढ़ता नहीं वह कभी सफलता प्राप्त नहीँ कर सकता. कई बार होता है कि हम पढनें तो बैठ जाते है, पर हमारा ध्यान कहीं और होता है जिसकें कारण हम पढ़ नहीं पाते. हम आपको बताते है कि पढ़ाई कैसे करनी चाहियें.

किस तरह करें पढ़ाई

· बैठकर पढ़ाई करें – कई बार आप बैठकर पढ़ाई करते है और आप थक जाते है तो आप लेटकर कर पढ़ने लगतें है, आपको ऐसा नहीं करना चाहियें. आपको पढ़ाई बैठकर ही करनी चाहिए. क्योकिं लेटने से आपको नींद आ जायेगीं, और आप अपनी पढ़ाई सही समय पर नहीं कर पओगें.

· किताबें किस तरह से पकड़े –

आपको अपनी किताब सही तरीके से पकड़नी चाहियें, किताब ज्यादा चेहरे के करीब नहीं होनी चाहिए. किताब इतनी दूर होनी चाहिए कि आप उसे आसानी से पढ़ सकें.

· दिन में पढ़े –

आप को पढ़ाई दिन में या सुबह के समय करनी चाहियें क्योकिं सुबह के समय आप फ्रेश होते है और उस समय आप आराम से पढ़ सकतें है. रात को पढ़ाई नहीं करनी चाहियें, क्योकिं रात के समय पढ़ाई करने पर हमारी आँखों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है.

· काम को टाले नहीं –

आप अपने काम को उसी समय पर करें, जिस समय वो दिया गया है. आज के काम को कल पर नहीं छोड़ना चाहियें. अगर आपकी आदत कार्यो को टाल – मटोल करने कि है तो आपको अपनी इस आदत को छोड़ना होगा. आप तभी सफलता प्राप्त कर सकते है तब आप पुरे मन से पढ़ना चाहोगें. आपने सुना तो होगा कि “काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब” तो हमें अपना कार्य समय पर करना चाहियें.

लेकिन आज कल के युवा ने इस दोहे को बदल कर एक नए दोहे को बनाया है, वे कहते है कि “ आज करे सो काल कर, काल करे सो परसों, इतनी जल्दी क्यों करे, अभी पड़े है बरसों”. वे ये नहीं जानते कि वे अपना समय व्यर्थ कर रहे है, जिससे उनका भविष्य ख़राब हो सकता है. इसलिए हम आपको यही कहना चाहेगें कि आपको अपना काम समय पर करना चाहियें.

· अध्ययन के लिए सही जगह –

जब भी आप पढ़ाई करते हो तो आपको एक ऐसा स्थान चुनना चाहिए जो कि शांत हो, वहां ज्यादा शोरगुल नहीं होना चाहिए. अगर आपका घर ज्यादा छोटा है और वहां आप पढ़ाई नहीं कर पाते तो आपको अपने दोस्त के घर में या पुस्तकालय में जाकर पढ़ाई करनी चाहियें. क्योकिं शोरगुल वातावरण में आप पढ़ाई करते हो तो आपका ध्यान सही तरह से पढ़ाई में नहीं लगता. इसलिए पढ़ाई के समय शांत वातावरण को चुनें.

· समय सारणी बनाएं –

सफलता के लिए सबसे पहले आवश्यक है, कि आपको अपनी पढ़ाई के लिए एक समय सरणी बनानी चाहियें. इसमें हर विषय के लिए एक समय निर्धारित करें. सरणी के अनुसार अपने हर विषय का अभ्यास करें. अगर आप सरणी बनाते हो तो आपको उसका पालन भी करना चाहियें.

· खेल कूद के लिए समय दें –

आपको अपनी पढ़ाई के साथ – साथ खेल कूद और मनोरंजन के लिए भी समय देना चाहियें. क्योकिं खेल हमारे लिए आवश्यक है, इससे हमारे शरीर का शरीरिक विकास होता है. इसलिए पढ़ाई के साथ खेलना भी जरूरी है.

· बड़े विषयों को छोटा करना –

अगर कोई विषय बड़ा है, जिसको याद करने में आपको मुश्किल होती है तो आप उसे छोटे – छोटे भागों में बाट दें. ऐसा करने पर वह विषय छोटा हो जाएगा जिससे याद करने में आपको आसानी होगीं.

· अपनी उर्जा स्तर को जानें –

हमारी उर्जा का स्तर अलग – अलग समय पर अलग होता है. दिन में हम कभी तो सुस्त होते हैं कभी फ्रेश(fresh) महसूस करते है. हमें हमेशा फ्रेश मुड में पढ़ाई करनी चाहियें ताकि हमारा पढ़ाई में पूरा ध्यान हो, न कि इधर – उधर.

· पढ़ाई के बीच में थोड़ा आराम भी करें –

अगर आपको पढ़ाई करते हुए 30 या 50 मिनट हो गई है तो आपको थोड़ा आराम भी करना चाहिए. कई बार आप पढ़ाई करते समय थक जाते है और फिर आपका मन पढ़ने को नहीं करता, इसलिए आपको पढ़ाई के साथ आराम भी करना चाहियें.

· नोट्स बनाए –

आपको अपनी पढ़ाई के अनुसार नोट्स बनाने चाहियें जिससे आपको परिक्षा के समय मदद मिलेगी.

· मुख्य बिंदुओं को हाईलाईट करें –

जब आप पढ़ाई करते हो तो जो आपको मुख्य बिन्दु लगे आप उसे हाई लाईट कर लें. ऐसा करने से आपको रिवीजन (rivision) के समय आसानी होगी.

· अपनें लक्ष्य पर ध्यान दें –

अगर आपका कोई लक्ष्य है तो आपको अपने लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए. जैसे कि आप को क्या बनना है या आपको किस विषय पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है. इस तरह से आप अपनी परीक्षाओं की आसानी से तैयारी कर सकते है.

· खाने पर ध्यान दें –

आपको अपने खाने पर भी ध्यान देना चाहियें क्योकिं अगर आप सही तरह से भोजन का सेवन नहीं करोंगे तो आप बीमार हो सकते है और बीमार होने पर आप पढ़ाई नहीं कर पाओगे जिसके कारण आप सबसे पीछें रह जाओगें. आप को ज्यादा से ज्यादा संतुलित भोजन करना चाहिए जो आपको स्वस्थ रखेगा. आपने सुना तो होगा कि “जैसे अन्न, वैसा मन” जैसा भोजन आप खाते है वैसा ही आपका शरीर होता है कभी अच्छा तो कभी बुरा.

· स्वस्थ रहें –

अगर आप स्वस्थ है तो आप हर कार्य पूरा कर सकते हो लेकिन अगर आप अस्वस्थ हो तो आप कोई भी कार्य नहीं कर सकते. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है. इसलिए आपको हमेशा स्वस्थ रहना चाहियें. इसके लिए आप व्यायाम भी कर सकतें है और साथ ही अपनी नींद भी पूरी करें. अगर आपकी नींद पूरी नहीं होगी तो आप सुस्त रहोगें और कोई भी कार्य पूरा नहीं कर पओगें.

· प्रश्न पूछें –

अगर आपको किसी प्रश्न का उत्तर नहीं पता तो आप उस प्रश्न को अपनी अध्यापक से पूछें. कई बार होता है कि आपके बार – बार प्रश्न पूछने पर आपकी टीचर्स आपको डांट देती है लेकिन आपको अपना विश्वास बनाये रखना है. जो प्रश्न आपको नहीं आता उसे आप बार – बार पूछें.

· स्वयं को प्रोत्साहित करें –

जब आप परीक्षा देने जाते है तो आप अपने आप को प्रोत्साहित (motivate) करें. आप वो पल याद करे जब आप कठिन समय में भी सफलता प्राप्त कर चुकें है. इस परीक्षा बार भी आप सफल होगे. आप अपने आत्मविश्वास को बनायें रखें.

· प्रश्नों को ध्यान से पढ़े –

परीक्षा के समय आप सभी प्रश्नों को ध्यान से पढ़े और समझें. आप सबसे पहले उन प्रश्नों का उत्तर दें जो आपको अच्छी तरह से आते है. फिर दूसरें प्रश्नों को समझें और ये सोचें कि इसका सही उत्तर क्या होगा. घबराहट के कारण प्रश्न को गलत न समझें क्योकिं गलत समझने पर आप इसका उत्तर भी गलत दोंगे. इसलिए आप प्रश्नों को अच्छी तरह से समझ लें.

· शांत रहें –

यदि आपको परीक्षा में उत्तर याद ना आए तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योकिं घबराने से आपकि स्थिति और भी बिगड़ सकती है. इसलिए आप पहले शांत रहे और उसके बाद अपनी आँखे बंद करके एक गहरी सांस लें. इससे आपका मन शांत हो जाएगा, फिर आप धीरे धीरे उत्तर याद करने की कोशिश करें. जो भी याद आए उसे लिखें.

आजकल हर कोई सफलता प्राप्त करना चाहता है. जब भी हम कोई सफलता प्राप्त करते है तो हमारा आत्मविश्वास और भी बढ़ जाता है. लेकिन ऐसा नहीं कि हमें हर बार सफलता प्राप्त हो, कई बार हमें हार का भी सामना करना पड़ता है. इस जीवन में किसी को जीत तो किसी को हार मिलती है लेकिन हमें अपनी हार का सामना करकें जीत की और बढ़ना चाहियें. अगर हमें हार नहीं मिलती तो हम सफलता का महत्व नहीं समझ पायेगें.

जब हम हारने के बाद सफलता प्राप्त करते है तो वह सफलता हमारें लिए कुछ अलग ही होती है. अगर किसी को असफलता मिलती है तो उसे उदास नहीं होना चाहियें बल्कि उसे जीत के लिए अभ्यास करना चाहियें. सफलता के लिए आवश्यक है कि हम अपनें मन से असफलता के डर को दूर कर दें क्योकिं डर के कारण हम अपने जीवन में कुछ भी नहीं कर सकतें.

हमारे जीवन में असफलता का भी उतना ही महत्व है जितना कि सफलता का. सभी के जीवन में उतार – चढाव आते रहते है लेकिन हमे डरना नहीं चाहियें बल्कि उनका सामना करना चाहियें. ऊपर दियें गयें उपायों से आप सफलता प्राप्त कर सकतें है और पढ़ाई भी आसानी से कर सकतें है.

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