सियासत का लगा चश्मा न मेरे गाँव को देखो, यहाँ रिजवान भोलेनाथ का काँवर बनाते हैं

म्योरपुर बिड़ला विद्या मन्दिर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन संपन्नपंकज सिंह/विकास अग्रहरि@sncurjanchalशिशिर के प्रकंपन को कविताओं की गुनगुनी गर्माहट में श्रोताओं को बांधकर रखा कवियों ने! आलम था बिड़ला विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के हाॅल में संपन्न हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का, जिसकी अध्यक्षता गीत ऋषि जगदीश पंथी और अपने सधे हुए संचालन में कमलेश राजहंस ने संचालन कियाजगदीश पंथी की वाणी वंदना अंधकार भागे मईया ऐसी रोशनी दो” से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ! वाणी वंदना के बाद प्रथम पायदान पर यथार्थ विष्णु की पंक्तियों ने लोगों में जीवंत भाव का सृजन करते हुए पढ़ा माँ भारती का बेटा हूँ बड़ा गुमान करता हूँ, वतन से ऐ वतन वालों बहुत मै प्यार करता हूँ, गुजारिश है मेरी रब से यही सौ बार जनमू मै, तिरंगे की हिफाजत में जां निसार करता हूँ यथार्थ विष्णु के बाद जनवादी गीतकार लखन राम जंगली सराहे गए भीड़ सपना के इतना तोपा गइली हम, जाने कब आपन अंगुरी चबा गइली हम तत्पश्चात राष्ट्रवाद के कवि प्रद्युम्न त्रिपाठी ने राष्ट्रवाद का संचार कियाप्यार मिल्लत से यहाँ हिंदू मुसलमान रहें, एक ही साथ यहाँ गीता और कुरान रहे राष्ट्रवाद के बाद वरिष्ठ गजलकार मनमोहन मिश्र के शेरों ने खूब वाहवाही लूटी, “चाहे तो पल ठहर भी सकता है, ए करिश्मा वो कर भी सकता है, दंभ मत कर उड़ान पर अपनी, पर दिया तो कतर भी सकता है” गजलों के नुमाइंदिगी से अपने रचनाओं को आगे बढ़ाया! धर्म प्रकाश मिश्र ने “मंहगाई नाच रही नौकरी है तांक पर, फिर भी हम वंदे मातरम् खूब गाएंगे”! लालजी यादव उर्फ झगड़ू भैया के हास्य ने लोगों को लोट- पोट कर दिया! गीतों के सलाका पुरुष लल्लू तिवारी के गीतों ने आवाम को रस से सिंचित कर दिया, “तेज तलवार से फूल की पांखुरी , ऐसे में गीत गाने का मन कैसे हो” लल्लू तिवारी के बाद राष्ट्रवादी कवि कमलेश राजहंस के गजलों ने आवाम को झकझोर दिया, “सियासत का लगा चश्मा न मेरे गाँव को देखो, यहाँ रिजवान भोलेनाथ का काँवर बनाते है’ अंत मे जगदीश पंथी का अध्यक्षीय काव्य पाठ मंच को गरिमामय ऊँचाई प्रदान की, “प्यार तुम्हारा मिला कि सावन बरस गयासत्यनारायण यादव एडवोकेट के संयोजन एवं लालता प्रसाद जायसवाल की प्रेरणा से यह कवि सम्मेलन अपनी ऊँचाई को प्राप्त करते हुए अमिट छाप छोड़ गया!कवि सम्मेलन में सोनाबच्चा अग्रहरि, सरफुद्दीन सिद्दकी , मदन मोहन तिवारी, दयाशंकर विश्वकर्मा (प्रधानाचार्य), प्रेमचंद यादव, गौरीशंकर सिंह, बसंत लाल, विजय प्रकाश, अनवर अली, वनक्षेत्राधिकारी जितेंद्र श्रीवास्तव,पंकज सिंह, की उपस्थिति उल्लेखनीय रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान म्योरपुर लालता प्रसाद जायसवाल ने किया।

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