रामजियावन गुप्ता/बीजपुर (सोनभद्र) एनटीपीसी की रिहंद परियोजना के सीएसआर विभाग के तत्वावधान में नैगन सामाजिक दायित्व निर्वहन के तहत सोमवार को कर्मचारी विकास केंद्र के विद्यासागर कक्ष में परियोजना के समीपवर्ती ग्रामीण विद्यार्थियों हेतु व्यक्तित्व विकास कार्यशाला के छह दिवसीय
आयोजन का शुभारंभ किया गया । आयोजन का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित मुख्य महाप्रबंधक (रिहंद) बालाजी आयंगर ने परंपरागत ढंग से किया । अपने संबोधन में श्री आयंगर ने कहा कि यह व्यक्तित्व विकास कार्यशाला निश्चित तौर पर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में निखार लाने का कार्य करेगा । कार्यशाला में महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ एनटीपीसी परिसर शक्तिनगर व साँई महाविद्यालय बैढ़न में अध्ययनरत रिहंद परियोजना के समीपवर्ती ग्रामों के कुल 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
कार्यशाला में मानव अध्ययन केंद्र, उड़ीसा से आई हुई द्वय वक्ता कीर्ति व सुष्मिता ने अपने-अपने वक्तव्य के जरिए विद्यार्थियों के सफलता के पाँच मंत्र, विद्यार्थियों के पाँच लक्षण आदि को विस्तार पूर्वक बताते हुए उन्हें बताया कि उन लोगों को एल के के यानि लोग क्या कहेंगे तथा एच के के अर्थात हम क्या करेंगे में से लोग क्या कहेंगे इसका परित्याग करके हम क्या करेंगे इस मार्ग पर चल कर ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है । वक्ता द्वय ने बताया कि इंसान को उसकी कमजोर सोच पीछे ले जाती है । दूसरों के लिए ताली बजाना बहुत आसान है लेकिन इंसान को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे दूसरे उसके लिए ताली बजाएँ । कुछ पाने के लिए कुछ करना पड़ता है । उन्होने यह भी बताया कि किसी भी परिस्थिति में गुस्सा नहीं करना चाहिए तथा किसी भी प्रश्न का
जवाब देने से पहले उसका उत्तर सोच समझ कर देना चाहिए । कार्यशाला के दौरान उपस्थित विद्यार्थियों को सकारात्मक व नकारात्मक सोच के संदर्भ में भी बताने के साथ-साथ व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाने के तमाम नुस्खे वक्ताओं द्वारा बताया गए ।
कार्यशाला में मुख्य रूप से अपर महाप्रबंधक (मा0 सं0) के एस मूर्ति, वरिष्ठ प्रबंधक (ईडीसी) रविन्द्र सिंह व विद्यार्थीगण उपस्थित थे । कार्यशाला का संयोजन वरिष्ठ प्रबंधक (मा0 सं0) अजीत कुमार ने किया ।