सर्पदंश से बालक की मौत,झाड़फूंक के बजाय समय से पहुचे जिला अस्पताल तो बच सकती थी जान,डॉ0 अनुराग,शुक्ला

सोनभद्र। 21 सदी में हमारे विज्ञानिको ने भले ही कई अनसुलझे रहस्यों का हल खोज निकाला हो पर आज भी देश की ज्यादातर आबादी अंध विश्वास पर ही चलती है। ऐसा ही एक मामला सोनभद्र के जिला अस्पताल में सामने आया जहां एक 10 वर्षीय बालक को सर्प डस लिया तो परिजनों उसे गांव में झरवाने ले गए जहां उसकी हालत बिगड़ने पर सर्पदंश झारने वाला व्यक्ति अस्पताल ले जाने की बात कहा।

जिस पर परिजनों ने गम्भीर अवस्था मे बालक को जिला अस्पताल लेकर पहुचे जहां चिकित्सक ने बालक को मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल के चिकित्सक के द्वारा बालक को मृत घोषित करने के बाद भी परिजन जिला अस्पताल के परिसर में ही एक दूसरे सर्पदंश झारने वाले से झाड़फूंक कराने लगे। जिसने बालक को मृत घोषित कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास कुमार पुत्र महेन्द्र कन्नौजिया 10 वर्ष निवासी राजपुर थाना शाहगंज आज सुबह अपनी माँ की भूसा हटाने में मदद करने गया था सर्प ने डस लिया। वही मृत बालक के पिता महेंद्र कन्नौजिया ने बताया कि आज घर मे रखा भूसा पत्नी द्वारा हटाया जा रहा था तो लड़का भी भूसा हटाने चला गया तभी सर्प ने उसे डस लिया। जिस पर उसे शहागंज में झरवाया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल लाये जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया है। जिला अस्पताल के डा. अनुराग शुक्ला ने बताया कि सर्प दंश से पीडित एक 10 वर्षीय बालक को मृत अवस्था मे लाया गया था। अगर परिजन उसे समय से लाये होते तो शायद बचाया जा सकता था लेकिन वह लोग सबसे पहले झरवाने पर ही विश्वास समझे और बालक की हालत बिगड़ने तक झड़वाते ही रहे। परिजन जबतक बालक को जिला अस्पताल लाते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बालक को मृत घोषित करने बाद भी उसे झरवाया गया।

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