सोनभद्र। त्रिवेणी एक्सप्रेस जिसका नाम संगम के नाम पर पड़ा है, आज शनिवार को त्रिवेणी एक्सप्रेस वाकई ही संगम वाला काम किया है। त्रिवेणी एक्सप्रेस में एक 8 वर्षीय बालक भूलकर बिहार सासाराम से चढ़ गया।काफी दूर चोपन तक ट्रेन जाने के बाद टीटी की नजर बच्चे पर पड़ी तो उसने बच्चे से उसके परिजनों के बारे में पूछा।लेकिन लड़का रोने लगा।टीटीई ने तत्काल बच्चे को चोपन रेलवे पुलिस को सौप दिया। जहाँ पर रेलवे पुलिस की मदद से बच्चे को उसके परिजनों को सौंपा गया।
रेलवे पुलिस व कर्मचारी की मदद से एक 8 वर्षीय बालक चंदन कुमार निवासी सासाराम को उसके परिजनों से मिलाया गया।
दसअसल चंदन भूल से 15077 त्रिवेणी एक्सप्रेस पर चढ़ गया। जब टीटी जितेंद्र कुमार रिजर्वेशन बोगी में घुसे और टिकट चेक करने लगे। उसी दौरान एक बच्चा उन्हें दिखा। बोगी में कई लोगों से पूछने के बाद उस बच्चे के बारे में कोई बता नहीं चल सका। जब बच्चे से टीटीई जितेंद्र कुमार ने पूछा कि, तुम्हारे परिजन कहां है तो वह रोने लगा। काफी देर पूछने के बाद उसने अपना पता और अपने पिता का नाम बताया और बताया कि वह भूल से इस ट्रेन में चढ़ गया। इसके बाद भगवान बनकर आए उस लड़के के लिए टीटीई जितेंद्र कुमार ने आरपीएफ को सूचना दी। पूरी पड़ताल करने के बाद रेलवे पुलिस फोर्स ने अपनी सक्रियता से उसके परिजन तक सूचना पहुंचाई। जिसके बाद उसकी मौसी दुर्गावती चोपन स्टेशन पहुंची। मौसी के पहुंचने के बाद बच्चे से मौसी को पहचानने को कहा गया, तो बच्चे ने बोला कि हां यही मेरी मौसी है और वह जरही थाना थाना डंडई जिला, गढ़वा की रहने वाली है। लड़के की पहचान के बाद लड़के को मौसी के सुपुर्द कर दिया गया।इस तरह त्रिवेणी एक्सप्रेस ने एक बच्चे को मिलाने का काम किया या यू कहे प्रयागराज का संगम चोपन स्टेशन पर ही लोगों को देखने को मिला। वही खोए हुए बच्चे को उनके परिजनों से मिलाने वाले टीटीई जितेंद्र कुमार और आरक्षी एस. एन राम, आरक्षी बी.के रवि, आरक्षी संतोष कुमार और रेलवे सुरक्षा बल को बहुत-बहुत धन्यवाद किया और भविष्य में बच्चे पर विशेष ध्यान रखने का वादा किया।
इस पूरे मामले पर 8 वर्षीय बालक की मौसी ने बताया कि बच्चा खेलते खेलते ट्रेन पर चढ़ गया और काफी दूर निकल आया। उसको आस-पास के घरों घरों में खोजने का प्रयास किया गया ,लेकिन कोई पता नहीं चला। गांव के ही एक सिपाही ने फोन करके बताया कि बच्चा चोपन रेलवे पुलिस के पास है, तो यहां पहुंचे और मिल गया।वहीं इस पूरे मामले पर टीटीई जितेंद्र कुमार ने बताया कि त्रिवेणी एक्सप्रेस में जांच के दौरान मेरी नजर एक बच्चे पर पड़ी, उससे पूछ-ताछ किया गया तो वह रोने लगा और अपने आपको सासाराम बिहार का बताया। जिसके बाद तुरंत रेलवे पुलिस चोपन से संपर्क किया गया और बच्चे को रेलवे पुलिस को सौंप दिया गया। रेलवे पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे के परिजनों से संपर्क किया और बच्चे को उसकी मौसी को सकुशल सौंप दिया।