मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वें जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में आहूत विधान सभा के विशेष सत्र को सम्बोधित किया

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की

राज्य सरकार प्रदेश को देश में अग्रणी अर्थव्यवस्था के
रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री

सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सदन
में विचार-विमर्श के माध्यम से जो कार्ययोजना तैयार की
जाएगी राज्य सरकार उसे समयबद्ध ढंग से लागू करेगी

जब भी सत्य, अहिंसा, सादगी, स्वच्छता, स्वराज, स्वावलम्बन की
बात होगी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी याद किये जाएंगे

देश की खाद्यान्न की आत्मनिर्भरता के लिए शास्त्री जी को याद किया जाता है

स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के कारण इंसेफेलाइटिस से प्रभावित
38 जनपदों में पीड़ित होने वाले बच्चों की संख्या में बड़ी कमी आयी

सादगी और स्वदेशी के लिए खादी ग्रामोद्योग और
एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा कार्ययोजना बनायी गयी

स्वास्थ्य के क्षेत्र में विगत ढाई वर्षाें में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रगति की गयी

प्रदेश पहला राज्य है, जहां सुपोषण मेले शुरू किये गये

राज्य सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का शुभारम्भ करने जा रही

प्रदेश में शान्ति और न्याय की स्थापना
के लिए राज्य सरकार ने वृहत्तर प्रयास किये

आर्थिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में उद्योगों
के साथ नवाचार व बुनियादी ढांचे के विकास के कार्य भी चल रहे हैं

आगामी वर्ष के लिए 25 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित

लखनऊ:।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को देश में अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार राज्य की प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्र की प्रति व्यक्ति आय के समकक्ष लाने के लिए प्रयत्नशील है, जिससे प्रदेशवासियों के जीवन में खुशहाली आये और उनका जीवनस्तर बेहतर हो। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सदन में विचार-विमर्श के माध्यम से जो कार्ययोजना तैयार की जाएगी, राज्य सरकार उसे समयबद्ध ढंग से लागू करेगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वें जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में आहूत विधान सभा के विशेष सत्र में प्रस्तुत प्रस्ताव ‘राष्ट्रपिता के उच्च आदर्शाें का पालन करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित विकास के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये जाएं’ पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी का आभार व्यक्त किया कि इस युग के महानायक, स्वाधीनता आन्दोलन के अग्रदूत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में सर्व समावेशी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सदन की बैठक आहूत की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2 अक्टूबर का दिन भारत माता के दो महान सपूतों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयन्ती का दिन है। महात्मा गांधी जी व शास्त्री जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आन्दोलन को उस समय नेतृत्व प्रदान किया, जब देश में निराशा व्याप्त हो गयी थी और लोगों ने पराधीनता को नियति मान लिया था। उस काल खण्ड में गांधी जी के यशस्वी नेतृत्व ने सादगी, स्वच्छता, स्वदेशी, ग्राम स्वराज और स्वावलम्बन के माध्यम से आजादी की लड़ाई में नयी जान फूंकी। गांधी जी के नेतृत्व में अंग्रेजी राज का सूरज अस्त हुआ, जिसके बारे में सामान्य धारणा थी कि अंग्रेजों के राज में सूरज अस्त नहीं होता।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांधी जी के नेतृत्व के भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन ने पूरी दुनिया को इसलिए आश्चर्य और कौतूहल से भर दिया कि विचारों की क्रान्ति के माध्यम से लोगों में व्यापक भावना जागृत कर लोकतांत्रिक ढंग से शान्तिपूर्वक संघर्ष किया जा सकता है। इसने दुनिया के तमाम देशांे को प्रेरित किया। दक्षिण अफ्रीका ने रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष में गांधी जी के सिद्धान्तों को आदर्श बनाया। उन्होंने कहा कि जब भी सत्य, अहिंसा, सादगी, स्वच्छता, स्वराज, स्वावलम्बन की बात होगी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी याद किये जाएंगे और दुनिया प्रेरणा के लिए भारत की ओर देखेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद भारत माता के एक अन्य सपूत श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश को यशस्वी नेतृत्व प्रदान किया। यद्यपि उनका समय अल्प अवधि का रहा, किन्तु विशुद्ध गांधीवादी मूल्यों को समर्पित शास्त्री जी शान्ति और क्रान्ति के प्रेरणापुन्ज सिद्ध हुए। शास्त्री जी जितने सहज व सरल थे उतने ही कठोर भी थे। देश की खाद्यान्न की आत्मनिर्भरता के लिए उन्हें याद किया जाता है। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने देश को प्रभावी नेतृत्व प्रदान किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के लिए 169 लक्ष्य तय किये थे। भारत सरकार ने वर्ष 2016 में इन्हें अंगीकृत किया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इन लक्ष्यों को वर्ष 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इन लक्ष्यों के लिए कार्ययोजना बनाकर लागू की गयी है। उत्तर प्रदेश में 16 लक्ष्य लागू होने हैं। इनमें पहला है गरीबी को पूर्णतः समाप्त करना। इसके अलावा, भुखमरी की समाप्ति, अच्छा स्वास्थ्य और बेहतर जीवन स्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के मिशन को पूर्ण करना, सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा काम और आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना, उद्योग और बुनियादी ढांचे के विकास की दृष्टि से कार्य करना, असमानता में कमी, टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास के लिए ठोस कार्ययोजना बनाना, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन के लक्ष्यों को प्राप्त करना, जलवायु परिवर्तन, भूमि पर जीवन एवं सतत उपभोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि संरक्षण और जैव विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने के लिए निरन्तर प्रयास तथा इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाना, शान्ति एवं न्याय की स्थापना तथा लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी अन्य लक्ष्य हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कार्यभार संभालने के पश्चात स्पष्ट कर दिया था कि देश के विकास का एजेण्डा किसी व्यक्ति, परिवार, जाति, मत, मजहब, भाषा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देश के सभी व्यक्तियों के लिए बिना भेदभाव के समान रूप से सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। विकास सबका होगा, लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा। केन्द्र और प्रदेश सरकार ने विगत समय में इसी के अनुरूप कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने जिस तरह और जिन मूल्यों और आदर्शाें पर कार्य किया, जिनके कारण वो महात्मा कहलाए। उन्हें ध्यान में रखकर सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा करके कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांधी जी की जयन्ती के अवसर पर व सतत विकास लक्ष्यांे पर चर्चा की शुरुआत स्वच्छता अभियान से करना चाहेंगे। आज पूरा देश ओ0डी0एफ0 घोषित हो रहा है। इतनी बड़ी जनसंख्या के किसी लोकतांत्रिक देश में यह पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि आज जब हम यहां चर्चा कर रहे हैं, आदरणीय प्रधानमंत्री जी स्वच्छ भारत मिशन में सर्वाधिक जन सहभागिता के लिए प्रदेश को प्रथम पुरस्कार प्रदान कर रहे होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया कि उनके द्वारा 5 वर्ष पूर्व स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा कर स्वस्थ भारत की आधारशिला रखी गयी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब तक ओ0डी0एफ0 के लिए कार्य किया गया था। गांधी जयन्ती के अवसर पर आज से प्लास्टिक मुक्त अभियान की शुरुआत हुई है। इसके तहत, प्रदेश की राजधानी के 110 वार्डाें में सदन के सदस्यों द्वारा ग्रुप बनाकर प्लास्टिक संग्रह हेतु श्रमदान किया गया है। इस अभियान को राजधानी तक सीमित न रखा जाए, बल्कि सदन के सदस्यों द्वारा अपने विधान सभा क्षेत्रों में भी संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कराकर अपने विधान सभा क्षेत्र को सर्वाधिक स्वच्छ बनाकर रखने वाले विधायक को सम्मानित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का स्वास्थ्य पर गहरा सकारात्मक असर हुआ है। विगत ढाई वर्षाें में ग्रामीण क्षेत्रों में 02 करोड़ 61 लाख परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया गया है। शहरी इलाकों में भी 8.5 लाख से अधिक शौचालय बनाये गये हैं। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिए सदन के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों, स्वच्छाग्रहियों, राजमिस्त्रियों आदि के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इसके बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। राज्य के अगल-बगल के प्रदेश विषाणुजनित बीमारियों से परेशान हैं, किन्तु प्रदेश में मलेरिया, फायलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों का कोई असर नहीं है। यह स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की देन है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के कारण प्रदेश के इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 38 जनपदों में इस बीमारी से पीड़ित होने वाले बच्चों की संख्या में बड़ी कमी आयी है। वर्ष 2015 में 2900 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित हुए थे, इनमें से 491 की मृत्यु हुई थी। वर्ष 2016 में 3911 बच्चे बीमार हुए थे, इनमें से 641 की मृत्यु हुई थी। किन्तु इस वर्ष 30 अगस्त, 2019 तक मात्र 938 बच्चे इंसेफेलाइटिस से पीड़ित हुए, इनमें से केवल 35 की मृत्यु हुई। इसी प्रकार, जापानी इंसेफेलाइटिस से वर्ष 2015 में 355 बच्चे प्रभावित हुए, इनमें से 47 की मृत्यु हुई। वर्ष 2016 में 442 बच्चे जापानी इंसेफेलाइटिस से बीमार हुए, जिनमें से 74 की मृत्यु हुई थी। इस वर्ष 30 अगस्त, 2019 तक मात्र 58 बच्चे जापानी इंसेफेलाइटिस से प्रभावित हुए, जिनमें से 4 की मृत्यु हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांधी जी कहते थे कि स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छता आवश्यक है। वर्ष 1916 में गांधी जी काशी आये थे। वे श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में दर्शन के लिए भी गये थे। वहां मन्दिर के बाहर और गली में व्याप्त गंदगी को देखकर उन्होंने तीखी टिप्पणियां की थीं। आजादी के इतने दिनों बाद अब प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर की गलियों का चैड़ीकरण और सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। काशी की पहचान श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सादगी और स्वदेशी के लिए खादी ग्रामोद्योग और एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा कार्ययोजना बनायी गयी है। गांधी जी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को तथा एम0एस0एम0ई0 को प्रोत्साहन, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना आदि के माध्यम से साकार किया जा रहा है। खादी को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए तकनीक से जोड़कर लोगों को स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया जा रहा है। इन योजनाओं के तहत, कारीगरों को प्रशिक्षण, टूलकिट, बैंक से ऋण आदि उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2022 तक हर व्यक्ति के पास सिर ढकने के लिए छत उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की है। शासन की योजनाओं से गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। जनपद अयोध्या में प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित दलित परिवार तथा जनपद सोनभद्र में मुख्यमंत्री आवास योजना से लाभान्वित परिवार का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत ढाई वर्ष में वर्तमान राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में 13 लाख लोगों को लाभान्वित किया गया है, जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2014 से 2017 के मध्य मात्र 10,262 लोगों को लाभान्वित किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित गरीब परिवारों तथा मुसहर, कोल, थारु परिवारों तथा वनटांगियां गांव के परिवारों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में विगत ढाई वर्षाें में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रगति की गयी है। ‘108’ व ‘102’ एम्बुलेंस के रिस्पाॅन्स टाइम को कम किया गया है। सत्ता में आने के एक महीने के अन्दर ही वर्तमान राज्य सरकार ने सभी जनपदों में दो-दो लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उपलब्ध करायी है। इनके जरिये विगत ढाई वर्षांे में एक लाख लोगों की जान बचायी गयी है। राज्य सरकार द्वारा लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंसेज़ की संख्या बढ़ाकर 250 की गयी है। वर्तमान में सभी बड़े जनपदों में 4 और छोटे जनपदों में 3 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आमजन तक स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए पी0एच0सी0, सी0एच0सी0 को सुदृढ़ किया गया है। नये पी0एच0सी0, सी0एच0सी0 भी बनाये गये हैं। विभिन्न जनपदों में 170 मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित की जा रही है। मिशन इन्द्रधनुष के अन्तर्गत 7 जानलेवा बीमारियों से टीकाकरण के आच्छादन को 86 प्रतिशत से अधिक किया गया है। राज्य सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आयी है। यह 285 प्रति लाख से कम होकर 201 प्रति लाख हुई है। शिशु मृत्यु दर में भी कमी आयी है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के 6 करोड़ 47 लाख लोगों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर उपलब्ध कराया गया है। योजना से वंचित रह गये 56 लाख लोगों को मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के तहत यही लाभ दिया जा रहा है।
राज्य सरकार मेडिकल काॅरपोरेशन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करा रही है। काॅरपोरेशन के माध्यम से खरीददारी से 51 औषधियों में 95 से 75 प्रतिशत, 25 औषधियों में 50 से 25 प्रतिशत, 19 औषधियों में 25 प्रतिशत तथा 5 औषधियों में 10 से 22 प्रतिशत की कमी आयी है। जितनी धनराशि में पूर्व में एक व्यक्ति को दवा उपलब्ध होती थी, उतनी धनराशि में अब 4 व्यक्तियों को औषधियां उपलब्ध करायी जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में वर्ष 2030 तक टी0बी0 को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री जी ने देश में वर्ष 2025 तक इसके उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रदेश की मा0 राज्यपाल ने अभियान चलाया है कि प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति एक टी0बी0 ग्रस्त बच्चे को गोद लेकर उसका सुपोषण करे। मुख्यमंत्री जी ने सदन के सदस्यों से अपील की कि वे अपने विधान सभा क्षेत्र में 5 से 10 बच्चों को टी0बी0 से मुक्त करने के लिए कार्य करें। इससे स्वच्छ भारत मिशन की भांति टी0बी0 उन्मूलन के लक्ष्य को भी समय से पूर्व प्राप्त किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 से 2016 तक राज्य में कुल 12 मेडिकल काॅलेज थे। वर्ष 2017 से 2019 के मध्य 16 मेडिकल काॅलेज बनाये जा रहे हैं। इनमें से 7 मेडिकल काॅलेजों में 100-100 छात्र-छात्राओं का प्रवेश भी प्रारम्भ हो गया है। जनपद गोरखपुर और जनपद रायबरेली मंे स्थापित एम्स में छात्र-छात्राओं का प्रवेश और ओ0पी0डी0 प्रारम्भ हो गयी है। अगले सत्र में 8 मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश प्रारम्भ किये जाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश में 14 नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में 3 करोड़ 55 लाख परिवारों को 15 करोड़ यूनिट के पात्र गृहस्थी एवं अन्त्योदय कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं। प्रदेश पहला राज्य है, जहां सुपोषण मेले शुरू किये गये हैं। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्र्रियों का मानदेय बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि कुपोषण समाप्त करने के लिए किसानों के लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं। किसानों को बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। चीनी मिलों के संचालन के साथ नयी चीनी मिलें स्थापित की जा रही हैं। किसानों के लिए ऋण माफी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि सिंचाई योजना, लागत से डेढ़ गुना मूल्य का भुगतान, पी0एम0 किसान सम्मान निधि आदि योजनाएं लागू की गयी हैं। यह योजनाएं कृषकों के कल्याण के साथ ही, सुपोषण के लिए भी प्रभावकारी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने लैंगिक समानता के लिए कदम उठाये हैं। एण्टी रोमियो स्क्वाड के गठन के साथ ही, सक्रिय किया गया है। बालिकाओं को स्नातक तक की शिक्षा निःशुल्क दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। पुलिस भर्तियों में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती सुनिश्चित की गयी है। पी0ए0सी0 की 3 महिला बटालियन गठित की गयी है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का शुभारम्भ करने जा रही है। इसमें कन्या के जन्म, टीकाकरण, प्रथम, छठीं, नवीं तथा स्नातक में प्रवेश पर कुल 15,000 रुपये की नकद धनराशि की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि राज्य के दो जनपदों इटावा और फर्रुखाबाद को लैंगिक असमानता दर कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ जल आपूर्ति एवं जल संरक्षण के लिए वृहद कार्ययोजना बनायी गयी है। प्रधानमंत्री जी ने ‘हर घर नल’ की योजना शुरू की है। प्रथम चरण में बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र में हर घर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए 9,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। भूगर्भीय जल के संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग, चेक डैम की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन को अब ओ0डी0एफ0 से ओ0डी0एफ0 प्लस तथा ओ0डी0एफ0 प्लस-प्लस की ओर बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में पहली बार ऊर्जा के क्षेत्र में प्रभावी कार्य हुआ है। ऊर्जा विभाग द्वारा सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बेहतर कार्य किया जा रहा है। जनपद मुख्यालयों में 24, तहसील मुख्यालयों में 20 तथा ग्रामीण इलाकों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। विगत ढाई वर्ष के दौरान 01 लाख 67 हजार से अधिक मजरों का विद्युतीकरण किया गया है। साथ ही, 01 करोड़ 10 लाख परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य किया गया है। पारेषण प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। राज्य सरकार 10 हजार मेगावाॅट ग्रीन इनर्जी उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। नई तकनीकी से यह सम्भव होगा और बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। बायो फ्यूल यूनिटों की स्थापना तथा शुगर केन्द्र से एथेनाॅल बनाना, ग्रीन इनर्जी की दिशा में उठाये गये कदम में बायो फ्यूल से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और गौसंरक्षण की दिशा में भी कार्य होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आर्थिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास प्रारम्भ हुए हैं। उद्योगों के साथ नवाचार व बुनियादी ढांचे के विकास के कार्य भी चल रहे हैं। आजादी के समय प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय से अधिक थी, जो वर्तमान में देश की प्रति व्यक्ति आय के आधे के बराबर है। प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए हर क्षेत्र में कार्य किये जाने की आवश्यकता है। प्रदेश के मंत्रिमण्डल के मेरे सभी सहयोगियों, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने आई0आई0एम0, लखनऊ के साथ मिलकर एक ठोस कार्ययोजना बनायी है। इस योजना को समयबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। इससे प्रदेश में निवेश बढ़ेगा। निवेश से रोजगार सृजन होगा और प्रदेशवासियों की आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कार्य कर रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के मुख्य मार्ग को वर्ष 2020 में संचालित कर दिया जाएगा। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर भी दो महीने में कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। मेरठ से प्रयागराज के बीच बनने वाले 640 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेस-वे के लिए भी कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इण्टर स्टेट राजमार्गाें सहित जिला, तहसील, ब्लाॅक को जोड़ने वाले मार्गाें को सुदृढ़ किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सम्पर्क मार्गाें का जाल तैयार किया जा रहा है। एयर कनेक्टिविटी के लिए भी राज्य सरकार कार्य कर रही है। देश के 55 प्रमुख शहर हवाई मार्ग से राज्य से जुड़े हुए हैं। 11 नये हवाई अड्डों का भी विकास किया जा रहा है। दो इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कुशीनगर और गौतमबुद्धनगर में बनाये जा रहे हैं। राज्य के तीन नगरों में मेट्रो रेल संचालित है। कानपुर और आगरा के लिए बजट प्राविधान किया गया है। अन्य शहरों में मेट्रो रेल संचालन के लिए राज्य सरकार कार्ययोजना बना रही है। ईस्ट और वेस्ट फ्रीट काॅरिडोर उत्तर प्रदेश से गुजरते हैं। इनका जंक्शन प्रदेश के दादरी में है। इसे लाॅजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा। डिफेंस काॅरिडोर, एक जनपद, एक उत्पाद’ योजनाओं के माध्यम से रोजगार की व्यापक सम्भावनाओं का कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने क्षेत्रीय आर्थिक विषमता को दूर करने के लिए बेहतर प्रयास प्रारम्भ कर दिये हैं। टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राज्य के 10 शहर भारत सरकार द्वारा चयनित हुए थे। इन्हें भारत सरकार के सहयोग से स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार प्रदेश के 7 अन्य नगर निगमों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर रही है। दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के अन्तर्गत कुछ टाउन एरिया को आदर्श टाउन एरिया के रूप में विकसित करने तथा अमृत योजना के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं के विकास का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यावरण संतुलन और जलवायु परिवर्तन की समस्या के लिए बेहतर प्रयास किया है। विगत 9 अगस्त को अगस्त क्रान्ति दिवस के अवसर पर वन विभाग द्वारा राज्य में 22 करोड़ 59 लाख वृक्षारोपण किया गया है। यह कार्य टीमवर्क के माध्यम से सम्भव हुआ है। राज्य सरकार ने आगामी वर्ष के लिए 25 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में शान्ति और न्याय की स्थापना के लिए भी वृहत्तर प्रयास किये हैं। इस बात का प्रयास किया गया है कि न्याय सबको सहजता, सरलता से सुलभ हो। पास्को एक्ट के तहत त्वरित कार्रवाइयां सम्पादित हुई हैं। विगत अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में एक अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना ने अपराधी के पकड़े जाने पर 20 दिन में चार्जशीट दाखिल होती है। साथ ही, फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा 7 दिन के अन्दर अपराधी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी जाती है। इसी तरह एक अन्य मामले में बालिका की हत्या करने वाले अपराधी को एक महीने के अन्दर सजा सुनायी गयी है। राज्य सरकार ने विगत वर्ष छोटी-छोटी घटनाओं यथा धरना प्रदर्शन आदि से जुड़े 20 हजार मामलों को सदन के माध्यम से समाप्त करने का कार्य किया है। प्रदेश सरकार ने अनुपयोगी कानूनों को समाप्त करने की दिशा में भी कदम उठाये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कानून का राज स्थापित करने के लिए पुलिस बल का आधुनिक और प्रशिक्षित होना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराया गया है। साथ ही, उनके अच्छे प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता को दो-गुना किया गया है। विभिन्न मामलों में फाॅरेन्सिक लैब की सहायता लेनी होती है, किन्तु रिपोर्ट आने में लम्बा समय लग जाता है। इसके लिए हर मण्डल पर एक-एक फाॅरेन्सिक लैब की स्थापना का निर्णय लिया गया है। समय के साथ अपराध की प्रकृति में बदलाव आया है। इसके मद्देनजर रेंज स्तर पर एक-एक साइबर थाना स्थापित किया जाएगा। प्रदेश में दो साइबर थाने, लखनऊ और नोएडा में स्थापित किये गये हैं। पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। प्रयागराज कुम्भ-2019 इसका बड़ा उदाहरण है। जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा कमाण्ड एयर कंट्रोल सेण्टर के माध्यम से आयोजन को कुशलतापूर्वक सम्पन्न कराया गया है। पुलिस आधुनिकीकरण की कार्ययोजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फाॅरेन्सिक विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए आमजन की सहभागिता प्राप्त की है। स्वच्छ भारत मिशन में आमजन की सहभागिता से प्रभावी परिणाम प्राप्त हुए हैं। आमजन के जुड़ने से कोई भी कार्यक्रम जन आन्दोलन का रूप ले लेता है, जिससे लक्ष्यों को प्राप्त करना सरल और सहज हो जाता है। उन्होंने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने में पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप आधारित कार्ययोजना बनायी जा रही है। पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप के माध्यम से अवस्थापना के साथ ही जनसुविधाओं को भी आगे बढ़ाने की योजना है। इस सम्बन्ध में अच्छे प्रस्ताव भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में लम्बित योजनाओं के साथ विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक तथा अन्य अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को जोड़ा है। प्रदेश के अन्दर सिविल सोसाइटी, स्वैच्छिक संगठनों के साथ-साथ सी0एस0आर0 के माध्यम से भी प्रदेश सरकार की कार्ययोजना को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।

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