39 दिनों के बाद भी नहीं हो सकी फेंकी दवाओं की जांच

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय/विवेकानंद)

जिलाचिकित्साधिकारी व अधिक्षक के द्वारा मामले की जांच को लेकर बना रहे बहाना।

बभनी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बभनी से पिछले महिने में 21 अगस्त को आयुर्वेद चिकित्सालय के सामने गड्ढे में लगभग दस पेटी एक्सपायरी डेट की दवाएं मिली थीं जिसके बारे में स्वास्थ्य अधिक्षक डा.गिरधारीलाल अनभिज्ञता जताते हुए बताए थे कि यह दवाएं मेरे यहां की नहीं हैं आयुर्वेद चिकित्सालय की होंगी।जब देखा गया कि सभी दवाएं ऐलोपैथिक हैं तो उन्होंने कहा कि किसी मेडिकल स्टोर की दवा होगी।इस बात को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोई भी मेडिकल स्टोर वाला जब महंगी दवाओं को खरीद कर लाता है तो उसे बेचने के बजाय फेंकने के लिए कहां से मिलेगी।जब एक सप्ताह बाद जिलाचिकित्साधिकारी से संपर्क किया गया था तो उन्होंने बताया कि इस समय लखनऊ में सभी अधिक्षक प्रशिक्षण में हैं। इसलिए प्रशिक्षण के पश्चात तीन अधिक्षक व दो उपजिलाचिकित्सकों समेत पांच लोगों की टीम गठित की जाएगी दो दिनों के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर सूचना दे दी जाएगी।परंतु महीनों दिन बीत जाने के बाद भी मामले की जांच नहीं हो सकी जब जिलाचिकित्साधिकारी से संपर्क किया गया तो बात को टालते हुए उनके द्वारा कह दिया गया कि कल कार्यालय खुलने के पश्चात बताया जाएगा इसके बाद जांच कराई जाएगी।जब इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिक्षक गिरधारीलाल से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि इस मामले की जांच उच्चाधिकारियों के द्वारा ही किया जाएगा हमने अपने यहां से जांच कर बता दिया गया था कि दवा हमारे यहां की नहीं है। लेकिन प्रश्न यहां उठता है कि आखिर दवा है कहां की और कब होगी इसकी जांच।

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