(रामजियावन गुप्ता)
बीजपुर (सोनभद्र ) एनसीएल की कोयला खदानों में पाँचो श्रमिक संघ के सामूहिक हड़ताल पर चले जाने के कारण कोयले पर आधारित परियोजनाओं में उत्पादन पर संकट मंडराने लगा है। एनटीपीसी की रिहंद पावर प्रोजेक्ट में भी यही हाल उतपन्न हो गया है। प्राप्त खबर के अनुसार रिहन्द में कुल 06 यूनिट की इकाई वर्तमान समय मे फूल लोड़ पर चलाई जा रही है जिसमे प्रति यूनिट 300 मीट्रिक टन कोयले की खपत घण्टे में होती है। सूत्र बताते हैं कि 23 सितम्बर को कोयला लोडिंग में लगी एक ट्रेन बैगन की 58
बोगी में सत्रह सौ टन मात्र कोयला लेकर प्लांट में आया है जबकि 35 हजार से 36 हजार एमटी कोयला प्रति दिन ट्रांसपोटिंग किया जाता है। सूत्र बताते हैं कि वर्तमान समय मे एनटीपीसी के रिहन्द प्लांट में तीन लाख बीस हजार एमटी कोयला बफर स्टॉक में जरूर है लेकिन वह भी मात्र एक सप्ताह के लिए ही इमरजेंसी स्टॉक बताया जा रहा है। मिली जानकारी पर गौर करें तो रिहन्द के तीन यूनिट की 06 इकाई को फूल लोड़ पर चलाने के लिए प्लांट में एक सप्ताह के लिए ही कोयले का स्टाक बचा हुआ है। अगर कोयला श्रमिक संगठनो का हड़ताल लम्बा
खिंचता है तो कोयले के अभाव में विधुत उत्पादन में कठिनाई आ सकती है।इसबाबत एनटीपीसी के जीएम एफ एम एम रमेश से उनके सेल फोन पर जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन नाट रिचेबुल होने के कारण उनका पक्ष नही मिल सका।