एवीपीएस रेनुसागर के शिक्षक मनीष शर्मा ने फोटोग्राफी में थाईलैंड में अपना परचम लहराया

एवीपीएस रेनुसागर के शिक्षक मनीष शर्मा ने फोटोग्राफी में थाईलैंड में अपना परचम लहराया
सोनभद्र।एवीपीएस रेनुसागर के शिक्षक मनीष शर्मा ने फोटोग्राफी में थाईलैंड में आयोजित हुये एक्सहिबिशन में चार फोटो लगी है जिसे देखने के लिये कला प्रेमियों का हुजूम उमड़ पड़ा।इससे साफ पारिलक्षित होता है मनीष शर्मा की शानदार फोटोग्राफी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।बताते चले कि मनीष शर्मा पेशे से शिक्षक है और जुनून से फोटोग्राफर की ।मनीष शर्मा के कहना है कि मै भारत से संबंधित हूं, जिसमें बहुत ही विविध सांस्कृतिक विरासत और अनुष्ठान हैं। इस विविधता ने मुझे कुछ सुंदर और विचारशील कहानियों को पकड़ने के लिए प्रेरित किया है।

मेरा गृह नगर वाराणसी या काशी है जो अपने आप में सबसे पुराना शहर है। गंगा घाट, मंदिर और आरती आदि का रंग और से शुशोभित मुझे प्रेरित करती हैं कि हमारे पास मौजूद समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में दुनिया को दिखाई जाने वाली तस्वीरों और तस्वीरों की दुनिया बनाने के लिए।
मुझे याद नहीं है कि मैंने फोटोग्राफी कब शुरू की थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मैंने इसके बारे में बहुत कुछ सीखा है। मेरे गुरुओं ने हमेशा फोटोग्राफी के विभिन्न पहलुओं को समझने में मेरी बहुत मदद की है। मैं हमेशा उस्तादों के कामों से प्रेरणा लेता हूं। मुझे उन लोगों से बात करना पसंद है जो लंबे समय से इस क्षेत्र में हैं। इस गर्मी की छुट्टी में मैं वाराणसी में कुछ दिग्गज फोटोग्राफरों से मिला और वे बहुत विनम्र थे और कई मायनों में मेरे लिए मददगार थे।

फोटोग्राफी में मेरा क्या आकर्षण है, इसका कला से क्या संबंध है। मैं अपने अनुभवों से महसूस करता हूं कि एक अच्छी तस्वीर में अच्छे कला कार्यों के तत्व होने चाहिए। इसमें एक कहानी और कल्पनात्मक पहलू होने चाहिए।
फोटोग्राफी में मेरी पसंदीदा शैली स्ट्रीट फोटोग्राफी है। मेरी अधिकांश तस्वीरों की योजना नहीं है, लेकिन मेरे नियमित काम करते समय लिया जाता है, जैसे कि सब्जी बाजार में जाना या उत्सव या परिवार के बाहर जाना।

अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि मैं उन छवियों को कम करना चाहता हूं जो अच्छी नहीं दिखती हैं और जो बेहतर दिखती हैं। आखिरकार हम हैं, लेकिन हमारी यादों का योग है, इसलिए हमें कम से कम उन्हें अच्छा दिखने देना चाहिए। ऐसा करने पर हम अपनी यादों को लड़ने का मौका दे सकते हैं।

फोटोग्राफी में थाईलैंड में परचम फहरा रहे है हिण्डाल्को रेनुसागर के आवासीय परिसर में स्थित आदित्य विडला पब्लिक स्कूल रेनुसागार के शिक्षक मनीष शर्मा का कहना है की फोटोग्राफी उनके लिए महज शौक न होकर के एक जज्बा है, एक जुनून है इनका कहना है की कैमरा में आ रही नयी नयी तकनीके नए फोटोग्राफर्स को भ्रमित कर रही है जब की फोटोग्राफी एक कला है !और नए फोटोग्राफर्स को तकनीक से रूबरू करने के लिए समय समय पर वर्कशॉप के माध्यम से नए फोटोग्राफर्स का मार्गदर्शन करते है ।

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