बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय/विवेकानंद)
ब्रम्हांड के तरीके विद्यालय को सजाकर बच्चों का किया जाता है उत्साहवर्धन।
पूरे ब्रह्मांड की तरह सजाई गई उच्च प्राथमिक विद्यालय तेलजर।
बभनी। विकास खंड के समीप उच्च प्राथमिक विद्यालय तेलजर में बच्चों को कुछ न कुछ नया काम करने का तरीका सिखाया जाता है ऐसे-ऐसे प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जाती है और पुरस्कृत किया जाता है जो सरकारी विद्यालयों के लिए एक काल्पनिक ही साबित हो सकती है जो बड़े-बड़े कान्वेंट स्कूलों में या अन्य अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में दिया जाता है।
यहां जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को भौतिक रासायनिक जीव विज्ञान के अनेक प्रकार के प्रयोगात्मक शिक्षा दिए जाते हैं और परीक्षाएं आयोजित कराई जाती हैं।जो हाई स्कूल व इंटर मीडिएट की परीक्षा में क्षात्रों को तैयारी कराई जाती है वही शिक्षा इन नौनिहालों को दी जाती है आज प्रधानाचार्य ने बच्चों से प्रायोगिक उपकरणों से एक बड़ा चंद्रयान तैयार कराकर उन्हें उसके बारे में जानकारी दी गई।जो शिक्षा विभाग में एक चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे प्रतिभावान शिक्षक शंभूनाथ जो सदैव छोटे छोटे उपकरणों को जोड़कर अमीबा पैरामीशियम कंकाल तंत्र के साथ-साथ अन्य चीजों को बनवाकर रखा गया है।जिसके बारे में एक-एक चीज की जानकारी बच्चों के जुबान पर होती है।यदि इसी तरह प्रत्येक सरकारी विद्यालयों के अध्यापक अपनी जिम्मेदारी समझते हुए ऐसी शिक्षा देते रहें तो ये बात चरितार्थ हो जाती कि सभी सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों या अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पढ़ाना नहीं पड़ता। उच्च प्राथमिक विद्यालय तेलजर पूरी तरह ब्रह्मंड की तरह सजाई गई है।इस पीछड़े व गरीब व आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण बच्चों को प्रधानाध्यापक शंभूनाथ के द्वारा असहाय बच्चों को आर्थिक सुविधाएं भी दी जाती हैं।उनका उत्साह वर्धन करते हुए उनकी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया जाता है। क्षेत्र में ऐसे कर्मठ अध्यापकों की सूची तैयार कर जिलाधिकारी महोदय के द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष तरह से सम्मानित किया जाना चाहिए।
इनसेट-: 1- बच्चों के द्वारा चंद्रयान बनवा कर जानकारी देते प्रधानाध्यापक।
2- बच्चों से सांसद भवन बनवाकर जानकारी देते हुए प्रधानाध्यापक शंभूनाथ।
3- दुल्हन की तरह सजाई गई विद्यालय।
4- खेल- खेल में दी जाती है बच्चों को शिक्षा।