सोनभद्र। परिषदीय स्कूलों के शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार लाया जाय। नीति आयोग के पैरामीटर के अनुरूप शिवनादर फाउण्डेशन अपनी कोशिशें जारी रखें। अध्यापकों को अध्यापन कार्य में लगाया जाय,अनावश्यक रूप से मुख्यालय से सम्बद्ध न किया जाय। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने कार्यों में सुधार लाते हुए बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए नियमसंगत कार्यों को पूरा करें।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने मंगलवार को परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता के सम्बन्ध में बेसिक शिक्षा विभाग व अन्य सहयोगी यूनिसेफ आदि के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में दियें। जिलाधिकारी ने कहा कि शिवनादर फाउण्डेशन फाइव स्टार योजना के तहत अपने कार्योंं को जारी रखें और जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग के गुणवत्ता के सुधार के लिए सभी सम्बन्धितों की बैठक आयोजित करायें। उन्होंने स्कूलों में साफ-सफाई के साथ ही मध्यान्ह भोजन योजना के तहत खाना पकाने के लिए घरेलू रसोई गैस/ एलपीजी सिलेण्डर का इस्तेमाल करने पर जोर देते हुए कहा कि लकड़ी पर खाना पकाने के लिए मना कर दिया गया है और सभी स्कूलों में एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध हैं, तो किसी भी परिषदीय स्कूलों में गैस सिलेण्डर से ही खाना पकाया जाय। उन्होंने कहा कि जब जिले स्तर पर इस आशय के दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं कि जिला मुख्यालय पर काम के नाम अनावश्यक रूप से अध्यापकों की तैनाती न किया जाय यानी अध्यापक का सबसे सर्वोच्च और बेहतर कार्य शिक्षा देना है, जिसकी जरूरत सोनभद्र जिले में काफी है, लिहाजा अध्यापक को पढ़ाई के बजाय बाबूगिरी व अन्य कार्यों के लिए मुख्यालय सम्बद्ध न किया जाय। जिलाधिकारी ने कहाकि नीति आयोग के पैरामीटर के मुताबिक सोनभद्र जिले में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने पर ही सोनभद्र जिले को पिछड़ेपन की श्रेणी से बाहर किया जा सकता है, लिहाजा हर कोशिश करके बेहतर शिक्षा व्यवस्था के साथ ही नीति आयोग के पैरामीटरों को पूरा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में जिले को पिछड़ेपन की श्रेणी से बाहर किया जाय। बैठक में जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम के अलावा मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर प्रकाश चन्द, जिला विकास अधिकारी बाबूराम त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ0 गोरखनाथ पटेल, यूनिसेफ के पदाधिकारीगण, शिवनादर फाउण्डेशन के प्रतिनिधिगण आदि मौजूद रहें।