ऊर्जा निगमों में अभियन्ताओं को द्वेष भावना, गलत तरीके, मनमानेपन से किये गये दण्ड के आदेश एवं विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाहियां को तत्काल निरस्त करने तथा विभागीय चयन समिति की बैठक तत्काल सम्पन्न की जाये
: ऊर्जा निगमों को फर्जी सलाहकारों की सलाह की बजाय तकनीकी अधिकारियों के अनुभवों के आधार पर संचालन किया जाये
: ऊर्जा निगमों में टकराव की स्थिति : यदि अभियन्ताओं का उत्पीड़न बन्द न किया गया, दण्डात्मक कार्यवाही निरस्त न की गयी, डी0पी0सी0 की बैठक न बुलाई गयी तो होगा जबरदस्त प्रदेशव्यापी आन्दोलन :
कल भी हांगी प्रदेशव्यापी विरोध सभायें :
लखनऊ।ऊर्जा निगम प्रबन्धन द्वारा बिजली अभियन्ताओं का हो रहे उत्पीड़न को लेकर प्रदेश भर के अभियंता हुये लामबंध।बताते चले कि ऊर्जा निगम प्रबन्धन द्वारा बिजली अभियन्ताओं का उत्पीड़न करने, अत्यधिक मानसिक दबाव डालने, मीटिंगों/समीक्षाओं में उलझाकर धरातल पर कार्य करने हेतु समय न दिये जाने, अभियन्ताओं को मशीन की तरह उपयोग करने, उनका व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जीवन नष्ट करने, हर मामले में अभियन्ताओं को जिम्मेदार ठहराने एवं उन्हें दण्डित करने, अभियन्ताओं का प्रमोशन रोकने की हठधर्मिता, तकनीकी कार्यों को पूर्ण करने हेतु उलूल-जुलूल आदेश देने, पत्रावलियों को लम्बित रखने, ऊर्जा निगमों में चल रही नकारात्मक कार्य प्रणाली समेत तमाम समस्याओं से आहत एवं आक्रोशित बिजली अभियन्ताओं ने आज से पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर ऊर्जा निगम प्रबन्धन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। बिजली अभियन्ताओं ने
आज सैकड़ों की संख्या में अनपरा, ओबरा, हरदुआगंज, पनकी, पारीछा ताप विद्युत गृह, पिपरी जल विद्युत गृह, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, कानपुर, बांदा, चित्रकूट, इलाहाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, बरेली, पीलीभीत, गोण्डा, फैजाबाद आदि प्रदेश के समस्त जिलों एवं विद्युत गृहों में सम्पन्न विरोध सभाओं में सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता उपस्थित हुए। लखनऊ में शक्ति भवन पर विरोध सभा हुई जिसमें सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता सम्मिलित हुए। विदित हो कि उत्पादन निगम के कई अभियन्ताओं पर कतिपय प्रकरणों में वर्तमान प्रबन्धन द्वारा अपने चहेतों को बचाने के चक्कर में मनमाने ढंग से निर्दोषों को वृहद आर्थिक दण्ड दिये गये हैं जिनको निरस्त करने की मांग की जा रही है। विरोध सभा में बिजली अभियन्ताओं ने घोषणा की कि यदि एक सप्ताह में सभी दण्डादेश निरस्त नहीं किये गये, तत्काल डी0पी0सी0 की बैठक नहीं की गयी एवं प्रबन्धन का मनमानापन एवं नकारात्मकता समाप्त नहीं की गयी तो पूरे प्रदेश के बिजली अभियन्ता प्रदेश व्यापी विस्तृत आन्दोलन की घोषणा करने को बाध्य होंगे। बिजली अभियन्ताओं ने सरकार से ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन के मनमानेपन को रोकने, सभी बिजली अभियन्ताओं को दण्डित करने की नीति समाप्त करने हेतु हस्तक्षेप करने की अपील की जिससे ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगित शान्ति बनी रहे। पदाधिकारियों ने बताया कि कल भी पूरे प्रदेश में सायं 04ः00 बजे विरोध सभा की जायेंगी।
विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष जी0के0 मिश्रा एवं महासचिव राजीव सिंह ने कहा कि बिजली अभियन्ता तमाम विपरीत परिस्थतियों, मैन, मैटीरियल एवं मनी की कमी के बावजूद सीमित संसाधनों में 20-20 घण्टे पूर्ण मनोयोग से कार्य कर रहे हैं। परन्तु प्रबन्धन द्वारा उन्हें निकम्मा एवं नकारा कहकर अपनी विफलतायें छुपाने का कार्य किया जा रहा है। प्रबन्धन ने द्वेष भावना से अभियन्ताओं को प्रताड़ित/दण्डित करने का अभियान चला रखा है, जिससे उनकी चरित्र पंजिका खराब हो एवं उनका प्रमोशन रोका जा सके। प्रबन्धन अभियन्ताओं को उनका जायज प्रमोशन न देने पर अड़ा है। वर्तमान में सभी ऊर्जा निगमों में नकारात्मकता, मनमानेपन, स्वेच्छाचारिता एवं भयादोहन का बोलबाला है, भय का वातावरण पैदा कर दिया गया है जिससे प्रत्येक अभियन्ता भयाकान्त है, अभियन्ताओं का हद दर्जे का उत्पीड़न किया जा रहा है, प्रबन्धन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक अभियन्ता दण्डित एवं प्रताड़ित रहे। अनुभवी एवं विशेषज्ञ अभियन्ताओं के ज्ञान एवं उनके अनुभवों का मजाक बनाया जा रहा है सभी को नकारा घोषित किया जा रहा है जिससे प्रबन्धन द्वारा अपने चहेतों एवं चहेती कम्पनियों को सलाहकार/कन्सलटेन्ट/कलेक्शन कम्पनी आदि तमाम नामों से अनाप-शनाप दरों पर समायोजित किया जा सके एवं सरकारी धन की लूट मचाई जा सके। प्रबन्धन मैन-मेटीरियल की मांग करने वाले अभियन्ताओं को दण्डित कर उनका मनोबल तोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। पत्रावलियों को इधर-उधर कर के टालमटोल किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रबन्धन द्वारा पदोन्नति नियमावली में तमाम बदलाव किये जाने की कोशिशें की जा रही हैं जिससे मनमानापन किया जा सके एवं पदोन्नतियां न्यायालय में चैलेंज हो जायें जिससे सबकी पदान्नतियां रूक जायें। इसके अतिरिक्त तमाम फर्जी शिकायतों पर शासनादेशों के विपरीत अभियन्ताओं की जांच शुरू कर दी जा रही है जिससे अभियन्ता दबाव में रहें एवं उनकी पदेन्नतियां बाधित हों। ऐसी नकारात्मक कार्य प्रणाली से ऊर्जा निगमों में कार्य का माहौल बहुत ही खराब हो गया है, प्रत्येक अभियन्ता मायूस, डरा हुआ एवं आक्रोशित है।यह सब ऊर्जा निगमों के हित में नहीं है। ऊर्जा निगमों में भय का वातावरण बनाने, चाटुकारिता की संस्कृति पनपने से अभियन्ताओं के उत्पीड़न/भयादोहन/मानसिक तनाव बढ़ाने वाली/मनोबल तोड़ने वाली/कार्य क्षमता प्रभावित करने वाली ही साबित होंगी। जिससे अन्ततः उ0प्र0 के ऊर्जा क्षेत्र का जबरदस्त नुकसान होगा।
लखनऊ में शक्ति भवन पर हुई विरोध सभा में मुख्यतया राम प्रकाश, हर्ष मुंशी, एच0आर0 सिंह, राजीव सचान, ए0एन0 सिंह, जे0एस0 गंगवार, पी0के0 पाण्डेय, विजय गुप्ता, जटाशंकर मिश्रा, संदीप राठौर, अजय द्विवेदी, अंकुर भारद्वाज, अखिलेश सिंह, संदीप अग्रवाल, राहुल सिंह, शिवम् त्रिपाठी, के0के0 वर्मा, अजय कटियार, आलोक श्रीवास्तव, शशांक चौधरी, आर0एस0 जायसवाल, प्रवीण कुमार, अंकित कुमार, ओ0पी0 सिंह, तौकीर अहमद, एन0के0 गुप्ता, विजय राज सिंह, के0के0 यादव, विकास मधेसिया, नितिन जायसवाल, बृजेश कुमार, पी0के0 सिंह, लाल सिंह, संतोष यादव, पंकज अग्रवाल, एस0एन0 गर्ग, दीपिका पाण्डेय, विजय तिवारी, पुष्कर सिंह, रजनीश श्रीवास्तव आदि सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।
दो और अभियन्ता पर की गई कार्यवाही
ऊर्जा निगमों को फर्जी सलाहकारों की सलाह की नतीजा भुगत रहे अभियंताओं को कूटरचित व्यवस्था से आये दिन अभियंताओं को दंडित किया जा रहा जिसका असर विधुत उत्पादन पर पड़ सकता है।बताते चले कि आज दो और अभियंताओं (अधीक्षण अभियन्ता इं वीके गौतम व अधिशासी अभियन्ता इं अवधेश सिंह के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाई करते हुए एक इन्क्रीमेंट बैक व प्रतिकूल प्रविष्टि प्रबंधन द्वारा की गयी है और आगे 12वीं इकाई के परिचालन व अनुरक्षण से जुड़े अभियंताओं व कर्मचारियों को भी दण्डित करने की तैयारी चल रही है।हालांकि इस वावत प्रबंधन से संपर्क नही हो पाया है।