कश्मीर के मामले कोई तीसरा देश दखल न दे-मैक्रों

एजेंसी पेरिस।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों और उनके वित्तय तथा बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए विश्व के अन्य देशों से साथ मिल कर काम करने का अनुरोध किया। मैक्रों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय ढंग से कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए और क्षेत्र में किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए या हिंसा को भड़काना नहीं चाहिए

इस दौरान पीएम मोदी ने फ्रांस को भारत का एक अहम दोस्त बताया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सैकड़ाें साल पुराना है. उन्होंने ग्लोबल चैलेंजेस से निपटने के लिए फ्रांस के सहयोग के लिए आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि आज दोनों ही देशों के सामने आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है लेकिन फ्रांस और भारत आपसी सहयोग से इस समस्या को भी हल कर लेंगे. इस दौरान उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रो को जी 7 समिट का नेतृत्व करने के लिए शुभकामनाएं भी दीं. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्रांस का यह दौरा मेरे लिए एक यादगार पल है.

मोदी यहां फ्रांस की यात्रा पर पहुंचे है, जहां 24 अगस्त को वह जी-7 सम्मिट में भी भाग लेंगे. मोदी और मैक्रों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने अल-कायदा, दइश, इस्लामिक स्टेट, जैश-ए-मोहम्मद,लश्कर-ए-तैयबा आदी जैसे आतंकवादी संगठनों के दक्षिण एशिया और साहेल क्षेत्र में सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए अन्य देशों से साथ मिल कर काम करने का अनुरोध किया है।

बयान में कहा गया, दोनों नेताओं ने विश्व भर में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित वैश्विक सम्मेलन के शीघ्र आयोजन के लिए काम करने पर सहमति व्यक्त की. मोदी ने इस साल जून में मालदीव की यात्रा के दौरान पहली बार आतंक पर एक वैश्विक सम्मेलन के प्रस्ताव को रखा था. दोनों नेता नोडल एजेंसियों और दोनों देशों की जांच एजेंसियों के बीच बेहतर सहयोग को आगे बढ़ाने तथा इंटरनेट कट्टरता को रोकने और नए सिरे से लड़ने के लिए नए प्रयासों की शुरुआत करने पर भी सहमत हुए

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