नई दिल्ली।आईएनएक्स मीडिया केस में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के करीब 29 घंटे बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को रात 9.45 बजे सीबीआई ने हिरासत में ले लिया। इससे पहले चिदंबरम याचिका खारिज होने के बाद पहली बार कांग्रेस मुख्यालय में नजर आए। यहां कबिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई बड़े नेता मौजूद थे। चिदंबरम ने कहा कि आईएनएक्स मामले में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, सीबीआई और ईडी ने उनके खिलाफ कोई चार्जशीट भी दाखिल नहीं की। इसके बाद चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय से रवाना हो गए।सीबीआई, ईडी और दिल्ली पुलिस की टीमजोरबाग स्थित घर पर पहुंची। कार्रवाई परकार्ति चिदंबरम ने कहा- एजेंसियों ने इस पूरे मामले में ड्रामेबाजी और सनसनी मचाने की कोशिश केवल कुछ लोगों को खुशी देने के लिए की।सौजन्य से दैनिक भास्कर।
इससे पहले चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई के लिएकपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने दो बार तुरंत सुनवाई की मांग खारिज कर दी और इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को किए जाने के निर्देश दिए। दिल्लीहाईकोर्ट ने मंगलवार को आईएनएक्स मीडिया घोटाले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले सीबीआई और ईडी देर रात उनकी तलाश में उनके घर गई थीं। ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया था।
चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई: चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा-आईएनएक्स मीडिया केस में मुझ पर या परिवार के किसी सदस्य पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई है। एफआईआर में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है जो यह कहता हो कि मैंने गलत किया है। पहले मुझे हाईकोर्ट ने मुझे गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। फिर मेरी अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
मुझ पर इंसाफ से भागने का आरोप लगाया गया: चिदंबरम
उन्होंने कहा- मेरे वकीलों ने मुझे सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी। मुझ पर कानून से बचने का आरोप लगाया गया, इंसाफ से भागने का आरोप लगाया गया। मेरे वकीलों ने मुझे बताया कि मेरी याचिका की सुनवाई शुक्रवार को होनी है। तब तक मैं मैं अपना सिर उठाकर चलूंगा। मैं कानून का सम्मान करता हूं। आजादी के नाम पर मैं केवल प्रार्थना करता हूं कि जांच एजेंसियां भी कानून का पालन करेंगी।
इससे पहले हाईकोर्ट ने मंगलवार को आईएनएक्स मीडिया घोटाले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सीबीआई और ईडी देर रात उनकी तलाश में उनके घर भी गई थीं। ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया। एजेंसियों कोआशंका है कि चिदंबरम विदेश जा सकते हैं। ईडी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कोई भी फैसला सुनाने से पहले हमारी दलीलें भी सुनी जाएं।
एजेंसियों ने लुकआउट नोटिस जारी किया, जैसे वो भागने वाले हों- सिब्बल
चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने पहली याचिका जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एम शांतानागौर और जस्टिस अजय रस्तोगी की की बेंच के सामने पेश की।
बेंच ने इस याचिका को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास विचार के लिए भेज दिया। जब इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली तो लंच के बाद जस्टिस रमना की बेंच के सामने ही सिब्बल ने दोबारा याचिका पेश की।
सिब्बल ने बेंच से कहा- जांच एजेंसियों ने चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, जैसे कि वो भागने वाले हों।
सिब्बल ने कहा कि याचिका में जो खामियां थीं उन्हें दूर कर लिया गया है। इसके बाद बेंच ने रजिस्ट्रार को बुलाकर इस बारे में जानकारी ली। रजिस्ट्रार ने बताया कि खामियां अभी ही दूर की गई हैं और याचिका को सीजेआई गोगोई के सामने रखा जाएगा ताकि वे इसे उचित बेंच के पास सुनवाई के लिए भेज सकें।
इस पर सिब्बल ने कहा कि ऐसे में तो यह मामला आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हो पाएगा, क्योंकि संवैधानिक बेंच 4 बजे से पहले उठेगी ही नहीं।
लगातार तुरंत सुनवाई की मांग पर जस्टिस रमना की बेंच ने कहा- हमने पहले ही निर्देश दे दिए हैं कि यह मामला सीजेआई के सामने रखा जाए। आमतौर पर सुनवाई के लिए मामले सीजेआई के पास शाम को भेजे जाते हैं। लेकिन, हमने सुबह ही तुरंत इसे सीजेआई के पास भेज दिया। यह हमारा काम नहीं है, रजिस्ट्री को कदम उठाना होगा। रजिस्ट्री को भी हमने निर्देश दिए और उसने पाया कि याचिका में खामियां थीं।
सुनवाई के अंत में सिब्बल ने कहा- चिदंबरम बेंच को यह शपथपत्र देने के लिए तैयार थे कि वह भागेंगे नहीं। लेकिन, बेंच ने इस बात पर विचार ही नहीं किया और सुनवाई पूरी कर दी।
सीबीआई ने नोटिस चस्पा कर दो घंटे में पेश होने के लिए कहा था
हाईकोर्ट मेंचिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद सीबीआई ने रात 11.30 बजे चिदंबरम के घर पर नोटिस चस्पा कर दो घंटे में पेश होने के लिए कहा। इसके बावजूद चिदंबरम पेश नहीं हुए। चिदंबरम के वकील अर्शदीप सिंह खुराना ने सीबीआई को पत्र लिखकर पूछा है कि किस कानून के तहत यह नोटिस दिया गया।
हाईकोर्ट ने चिदंबरम को प्रमुख साजिशकर्ता माना
चिदंबरम के वकील ने मंगलवार को अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के आदेश पर तीन दिन का स्टे देने की मांग भी की थी, लेकिन अदालत ने इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि तथ्यों से पता चलता है कि आईएनएक्स मीडिया घोटाले में चिदंबरम प्रमुख साजिशकर्ता थे। हाईकोर्ट का प्रथम दृष्टया मानना है कि प्रभावी जांच के लिए चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है। अदालत ने इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का क्लासिक केस बताया। जस्टिस सुनील गौर ने कहा कि ऐसे मामलों में जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।
कांग्रेस नेता सवालों के गोलमोल जवाब दे रहे थे- कोर्ट
अदालत ने कहा कि जब हमने कांग्रेस नेता को अदालत की ओर से “प्रोटेक्टिव कवर’ मुहैया कराया था, तब वे जांच एजेंसियों के सवालों के गोलमोल जवाब दे रहे थे। कोर्ट ने चिदंबरम को गिरफ्तारी से बचने के लिए दी गई अंतरिम राहत भी घटा दी। इससे पहले उन्हें 25 जुलाई को अंतरिम राहत दी गई थी, जो अदालत द्वारा बार-बार बढ़ाई जा रही थी।
आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग लेने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितताओं के आरोप हैं। सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी।
वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश की मंजूरी दी थी
आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आईएनएक्स को 2007 में 305 करोड़ रु. लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। जिन कंपनियों काे फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआईने 15 मई 2017 काे केस दर्ज किया था। 2018 में ईडी ने भी मनी लाॅन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं।