सोनभद्र। 17 जुलाई को घोरावल कोतवाली इलाके के उम्भा गांव में हुए गोलीकांड में घायल 3 मरीजों को जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया था, जिनको इलाज कराए बगैर 2 दिन बाद डाक्टरों द्वारा छुट्टी देकर घर भेज दिया गया। हालत गंभीर होने पर मरीज एक बार फिर जिला अस्पताल सोनभद्र में भर्ती हो गए हैं। ट्रामा सेंटर से आए मरीजों का आरोप है कि उनसे ₹300 प्रति शाम को मांगा जा रहा था , ना देने पर उनको छुट्टी दे दिया गया ,और
आने के लिए किसी प्रकार की एंबुलेंस व्यवस्था नहीं दी गई। किसी तरह कर्ज निकाल कर अपने पैसे से हजार रुपया लगाकर घर वापस आए। जहां से हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है ।
17 जुलाई को घोरावल कोतवाली इलाके के उम्भा गांव में हुए गोलीकांड में 10 लोगों की मौत और 25 लोग घायल हो गए थे, जिनमें 5 लोगों को ट्रामा सेंटर वाराणसी रिफर किया गया था। वाराणसी में इलाज करा रहे एक परिवार के माँ समेत दो बेटे सीता देवी पत्नी तेज सिंह, रामनाथ पुत्र तेज सिंह और रामदीन पुत्र तेज सिंह को जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर रेफर किया गया था ,जिनको इलाज कराए बगैर 2 दिन बाद डॉक्टरों द्वारा छुट्टी देकर घर भेज दिया, हालत गंभीर होने पर मरीज एक बार फिर जिला अस्पताल सोनभद्र में भर्ती हो गए हैं ।ट्रामा सेंटर से आए मरीजों का आरोप है कि उनसे ₹300 प्रति शाम मांगा जा रहा था, ना देने पर छुट्टी दे दिया गया और आने के लिए किसी भी प्रकार के बुलंद की व्यवस्था नहीं दिया गया। किसी तरह कर्ज निकाल कर अपने पैसे से हजारों रुपया लगाकर घर वापस आए ।जहां हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। सीता देवी के बेटे ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि डॉक्टरों ने बिना इलाज के वापस कर दिया। सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं मिली जब एंबुलेंस के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे बाप का एंबुलेंस नहीं है अपने साधन से वापस जाओ 17 जुलाई को ग्राम प्रधान द्वारा गोली चलाने से घायल हुए थे ।