केन्द्र सरकार का फरमान अगस्त से यूपी में हो सकता है भारी बिजली संकट, वजह

बिना पैसा जमा करे फिर उत्पादन कंपनियों से बिजली लें

लखनऊ। केन्द्र सरकार के फरमान एक अगस्त से उत्तर प्रदेश के शहरों व गांवों में भारी बिजली कटौती का संकट शुरू हो सकता है। इसकी वजह केंद्र सरकार का एक फरमान है जिसमें बिजली कंपनियों से साफ कहा गया है कि पहले पैसा जमा करें फिर उत्पादन कंपनियों से बिजली लें।बिजली कंपनियों से कहा कि उन्हें जितनी बिजली लेनी है उसके लिए उत्पादन कंपनी के पक्ष में लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) खुलवाकर एडवांस में पैसा जमा करें. इसके बाद ही बिजली मिलेगी.।कार्पोरेशन में हड़कंप मच गया है क्योंकि बिजली कंपनियों की माली हालत ठीक नहीं है। बुधवार को फरमान जारी होने के बाद शासन व पावर कार्पोरेशन के आला अधिकारियों ने दिल्ली पहुंचकर बिजली मंत्रालय के अफसरों से राहत की गुहार लगाई, लेकिन वहां से दो टूक कर दिया गया कि बिजली चाहिए तो पैसे का इंतजाम करना ही पड़ेगा।

बिजली मंत्रालय की ओर से बुधवार को यूपी समेत सभी राज्यों को पत्र भेजकर बिजली उत्पादन कंपनियों को भुगतान सुनिश्चित करने के लिए उनके पक्ष में एलसी खुलवाने को कहा गया है. पत्र में साफ कहा गया है कि वितरण कंपनियों को जितनी बिजली खरीदनी है उसका एडवांस भुगतान एलसी खुलवाकर करना होगा. वैसे तो 30 दिन पहले एलसी खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन वितरण कंपनियों की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए 15 दिन, एक सप्ताह या एक दिन पहले भी एलसी खुलवाने की सुविधा दी गई है. अहम बात यह है कि बिजली वितरण कंपनियों के सामने उत्पादन कंपनियों के बकाये को नजरंदाज कर एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीदने का विकल्प भी नहीं बचेगा. अगर एलसी नहीं खुलवाई जाती है तो एनर्जी एक्सचेंज से भी बिजली नहीं खरीदी जा सकेगा।

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