सोनभद्र। राष्ट्र सेविका समिति ने संस्था की संस्थापक लक्ष्मीबाई केलकर की जयंती संकल्प दिवस के रूप में ओबरा में दीप प्रज्वलित कर मनाया गया।महिलाओं और बच्चों ने राष्ट्रकार्य में योगदान देने का संकल्प लिया।कार्यक्रम संयोजिका गीतांजलि चौबे ने महिलाओं को राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापक लक्ष्मीबाई केलकर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि 1936 में स्थापित संगठन आज विश्व का सबसे बड़ा महिला संगठन है। संगठन की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि राष्ट्र कार्य में महिलाओं की भागीदारी हो। उन्होंने महिलाओं को राष्ट्र की आधार शक्ति बताते हुए कहा कि महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। जीवन में कुछ पाना है तो अथक साधना करनी पडती है।
और हम सेविकाओं ने तो भारत को विश्वगुरू के स्थान पर प्रतिष्ठापीत करने का संकल्प लिया है।तो हमे अपने आपको तैयार करना पडेगा।जैसे मधुमक्खी सभी फूलों का सात्विक सत्व मधु लाकर और दूसरों को देती है ,उसी भावना से हमें अपने समाज के लिए काम करना है।समिति जनजागरण के कार्यक्रम भी करवाती है। बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए युद्ध, योग, व्यायाम, दंड चलाना, खड्ग चलाना आदि प्रशिक्षण भी समिति समय-समय पर देती है। प्रशिक्षित बहनों के माध्यम से स्थानीय बहनों को प्रशिक्षण दिए जाते हैं। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं,बच्चों ने अपने को घर तक ही सीमित न रखकर राष्ट्रकार्य के लिए समय देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में रमा दुबे,सावित्री देवी,श्रद्धा सिंह,हर्षिता शुक्ला, श्री चौबे,अरुण दुबे,अंशिका शुक्ला, शिवांगी, साहिल कश्यप, अंश शुक्ला,अर्श सिन्हा, स्वाति,पायल चौबे,रिशु पाठक,शालिनी पाठक, पियूष सिंह,आशीष सिंह,सुरभि, राधिका कुमार,नीतीश, शिवम लोग मौजूद रहे।