सीएमओ ने तीन स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ की कार्रवाई, जांच शुरू
जौनपुर। जिले के सरकारी अस्पताल के स्टोर रुम में सैकड़ों आयुष्मान भारत कार्ड कूड़े के ढेर में फेंका हुआ मिला। खबर लगते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। ये कार्ड लाभार्थियों में बांटने के लिए रखा गया था, लेकिन इसे बांटने के बजाय कूड़े में फेंक दिया। मामले की जानकारी सीएमओ को हुई तो उन्होंने तीन कर्मचारियों के खिलाफ़ कार्रवाई करते हुए जांच टीम लगा दी है।
सुईथाकलाॅ ब्लाक अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में फेंके हुए ये कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पलीता लगा रहे हैं। गरीबों को समुचित इलाज के लिए उन्हें चिन्हित कर ये कार्ड जारी किया गया था। ब्लॉक कर्मचारियों को ज़िम्मेदारी दी गई थी कि लाभार्थियों तक इन कार्डों को पहुंचा दिया जाय, जिससे वो योजना का लाभ ले कर अपना इलाज करा सकें, लेकिन ये कार्ड उन तक पहुंचने से पहले कूड़े के ढेर में पहुंच गया।
फेंके हुए कार्ड की खबर मीडिया में आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। पहले तो ज़िम्मेदारों ने मामले से साफ इंकार कर दिया। केन्द्र अधीक्षक जईस लाल ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कार्ड बांटने की जिम्मेदारी बीपीएम की थी । बीपीएम की तरफ से तीन महीने पहले बताया गया था कि सारे कार्ड सारे बंट गए हैं, लेकिन अभी पता चला कि कुछ कार्ड लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाया है। वीडियो देखते ही पूरा महकमा बैकफुट पर आ गया। सीएमओ राजेश पांडेय ने मामले की गभीरता समझते हुए टीम स्वास्थ्य केंद्र पर भेज दी। शुरुआती जांच में पता चला कि दो कर्मियों की आपसी लड़ाई की वजह से कार्ड कूड़े में फेंक दिया गया।