
हेल्थ डेस्क (सुमन द्विवेदी) आज के हाईटेक युग मे फ़ास्ट फ़ूड के जमाने मे असमय लंच लेना कई बीमारियों को दावत देती है इतना ही नही चिंता अनिद्रा बेचैनी घबराहट के कारण तनाव से कई बीमारियों की वजह बनता जा रहा है। अत्यधिक तनाव के कारण कुछ युवाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या देखी गई है। इस रोग का खतरा शहरी महिलाओं में भी काम और परिवार की देखभाल के चलते तेजी से बढ़ रहा है। नींद की कमी, शारीरिक गतिविधि का अभाव और घंटों काम करना आदि तनाव का रूप लेने लगता है। इससे बचने के लिए गहरी सांस लेने से जुड़े योग कपालभारती व भ्रामरी करने के साथ म्यूजिक थैरेपी ले सकते हैं।
तनाव का बुरा असर शरीर-दिमाग दोनों पर पड़ता है। पहला, जब तनाव ज्यादा होता है तो बॉडी में रिलीज होने वाले कार्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। जिससे हड्डी की कोशिकाओं के निर्माण में बाधा आती है। वास्तव में बॉडी कार्टिसोल के पीएच संतुलन को प्रभावहीन करने के लिए हड्डियों से कैल्शियम जारी करती है। दूसरा, तनाव ज्यादा होने पर व्यक्ति की दिनचर्या बिगड़ जाती है जिससे नींद, समय पर भोजन और एक्सरसाइज का रुटीन गड़बड़ा जाता है। इससे भी हड्डियों को नुकसान पहुंचता है।
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