नई दिल्ली ।
किसी कंपनी का बंद होना कभी भी सुखद नहीं होता है, लेकिन जेट एयरवेज के बंद होने से अत्यधिक मूल्य-संवेदनशील विमानन बाजार में उसके प्रतिद्वंद्वियों को फायदा हो रहा है, जो कि अपने एयरलाइन की परिचालन लागत को पूरा करने के लिए किराए में बढ़ोतरी कर पा रहे हैं। हालांकि इसका आगे चलकर उद्योग पर क्या असर होगा, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन इससे कंपनी के कर्मचारियों, यात्रियों और कर्जदाताओं को कठिनाई हुई है।
जाहिर है, विमानन कंपनियों की चौथी तिमाही के परिणाम उन्हें मिल रहे फायदों की पुष्टि कर रहे हैं। पिछली कई तिमाहीयों से कमजोर प्रदर्शन कर रही स्पाइसजेट और इंडिगो ने चौथी तिमाही में मजबूत प्रदर्शन किया है और यात्रियों की अच्छी संख्या हासिल की है। आईसीआरए के कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स के सह-प्रमुख किजल शाह ने आईएएनएस को बताया, “भारतीय विमानन उद्योग का प्रमुख मुद्दा गहन प्रतिस्पर्धा के कारण बढ़ती इनपुट लागत का भार ग्राहकों पर डालने में असमर्थता है।”