भारतीय मूल के अजित जैन बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और मशहूर निवेशक वॉरेन बफे के उत्तराधिकारी हो सकते हैं

ओमाहा (अमेरिका)। भारतीय मूल के अजित जैन बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और मशहूर निवेशक वॉरेन बफे के उत्तराधिकारी हो सकते हैं। बफे ने शनिवार को कंपनी की एजीएम में इसके संकेत दिए। जैन को बर्कशायर की कमान मिलती है तो वो दुनियाभर में नामी अमेरिकी कंपनियों के चौथे भारतीय चीफ होंगे। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई और एडोब के शांतनु नारायण भी भारतीय मूल के हैं।

अजित जैन, ग्रेगरी एबल से बेहतर मैनेजर नहीं हो सकते: बफ

उत्तराधिकारी के सवाल पर बफे ने सीधा जवाब तो नहीं दिया लेकिन कहा कि ग्रेगरी एबल (57) और अजित जैन भविष्य में शेयरहोल्डर के सवालों के जवाब देने के लिए उनके साथ मंच साझा करेंगे। पिछले साल दोनों को प्रमोट कर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया था।बफे ने कहा कि ग्रेगरी और अजित से बेहतर दो ऑपरेटिंग मैनेजर नहीं हो सकते। पिछले कई सालों से बफे और उनके बिजनेस पार्टनर चार्ली मुंगेर (95) एजीएम में शेयरधारकों के सवालों के जवाब देते आए हैं। इस बार अजित जैन ने भी जवाब दिए। हालांकि, उन्होंने स्टेज से नहीं बल्कि फ्लोर से ही बात की।जैन ने 1986 में बर्कशायर के इंश्योरेंस डिविजन में जॉइन किया था। वो इसे लीड कर रहे हैं। एबल 1992 में बर्कशायर के एनर्जी डिविजन से जुड़े थे। दोनों में से कोई एक बफे का उत्तराधिकारी होगा या फिर दोनों यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं? इस सवाल पर बफे के पार्टनर मुंगेर ने कहा कि इसका जवाब देने में मुश्किल होने की एक वजह यह है कि बर्कशायर विविधताओं वाली कंपनी है। हमारा फैसले लेने का तरीका नौकरशाही वाला नहीं है।अजित जैन आईआईटी खड़गपुर से पढ़े है।ओडिशा में जन्मे अजित जैन आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक हैं। 1978 में वो अमेरिका चले गए। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। उन्होंने मैकेंजी एंड कंपनी में नौकरी थी। वहां उनके बॉस रहे माइकल गोल्डबर्ग ने उन्हें बफे की कंपनी के इंश्योरेंस डिविजन से जुड़ने के लिए बुला लिया। पिछले साल जनवरी में वो हैथवे के इंश्योरेंस ऑपरेशंस के वाइस चेयरमैन बने और कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में भी शामिल किए गए।

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