घोरावल/सोनभद्र: घोरावल कोतवाली क्षेत्र के बेलवनिया गांव में रविवार की शाम खलिहान में आग लगने से किसान का सारा फसल जलकर राख हो गया।
बेलवनिया निवासी प्रीत नारायण प्रताप सिंह तथा रविंद्र बहादुर सिंह का संयुक्त खेत लगभग 65 बीघा पक्का है। बताया गया कि शाम के वक्त खलिहान से आग की लपटें देखी गई। प्रीत नारायण प्रताप सिंह गांव के प्रधान भी हैं। अपने खलिहान से आग की लपटों को देख वहां पहुंचे। आग की भयानक स्थिति को देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। मौके पर चार टैंकर भरा हुआ पानी था। ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने की मशक्कत शुरू कर दी।घटना की सूचना ग्राम प्रधान ने कोतवाली निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा को दी। मौके पर पुलिस टीम भी पहुंची और बताया गया कि सूचना पर 2 घंटे बाद दमकल भी पहुंचा। भुक्तभोगी प्रीत नारायण प्रताप सिंह ने बताया कि साढ़े तीन सौ कुंतल गेहूं ,22 कुंतल चना, 5 कुंतल अरसी, 12 कुंतल सरसों, 20 कुंतल मटर ,जौ तीसी सरसों समेत कई किस्म की फसलें खलिहान में रखी थी। थ्रेसरिंग का काम अधूरा था ,कुछ फसलों की थ्रेसरिंग हो गई थी और कुछ बाकी रह गई थी। किसान के मुताबिक लगभग सात लाख रुपये का नुकसान बताया गया। ग्रामीणों के प्रयास के बाद मौके पर पहुंची दमकल से पूरी तरह से आग पर काबू पाया गया। सूचना पर क्षेत्रीय लेखपाल सूर्यबली भी मौके पर पहुंच गए।
गर्मी के मौसम में घोरावल तहसील क्षेत्र में अनगिनत अगलगी की घटनाएं घटती है जिसमें काफी हद तक धन हानि हो जाती है। आग लगने पर घटना की सूचना फायर ब्रिगेड को दी जाती है जिसमें करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय करके अग्निशमन कर्मियों को आने में घंटे भर का समय लगता है तब तक घटनास्थल पर सब कुछ जलकर खाक हो जाता है।इन घटनाओं में नियंत्रण के उद्देश्य से स्थानीय तहसील कार्यालय में अस्थाई तौर पर 3 महीने के लिए फायर स्टेशन की स्थापना की जाती है। जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष घोरावल तहसील क्षेत्र में स्थाई रूप से फायर ब्रिगेड की स्थापना की चर्चा जोरों पर रही लेकिन आज तक फायर ब्रिगेड स्थापित नहीं हो सका।जिसके लिए भूमि का रकबा भी निश्चित कर दिया गया था।क्षेत्रीय लोगों ने अविलंब फायर स्टेशन की व्यवस्था तहसील प्रांगण में करने की मांग प्रशासन से की है।