सुभासपा से जिलाध्यक्ष समेत सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने दिया त्यागपत्र

सोनभद्र। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सरकार में सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर विरोध के सुर बनाये हुए है और प्रदेश में पार्टी के विस्तार को लेकर भी संघर्ष कर रहे है साथ ही लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का विरोध करते हुए अलग चुनाव लड़ रहे है लेकिन सोनभद्र में रावर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर अपने प्रत्यासी को जिताने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी क्योकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारियो ने पद और पार्टी की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।

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आज सुहेलदेव भारतीय समाज  पार्टी के जिलाध्यक्ष और कार्यताओ ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर समाज  के सभी वर्गों के विकास की बात नही करते और न ही कार्यकर्ताओ का सम्मान करते है ऐसे में हम सभी ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देते है।इसके साथ ही पार्टी में सिर्फ व सिर्फ एक ही वर्ग को सम्मान दिया जाता है और वह यह राजभर इसके अलावा किसी भी वर्ग के कार्यकर्ताओं का सम्मान नही किया जाता है चाहे वह पिछड़ा हो या सामान्य वर्ग के लोग है यह भावना राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रमुख महासचिव होनो की है।  इस लोकसभा चुनाव में किस दल का समर्थन किया जाएगा कि सवाल पर कहा कि यह फैसला सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के इस्तीफा दिया है सभी बैठ कर निर्णय लेंगे की किस दल को समर्थन किया जाय।
सोनभद्र में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने जिलाध्यक्ष मनोज देव पाण्डेय के साथ अपने पद और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आज नगर के दण्डईत बाबा मंदिर परिसर में उपस्थित कार्यकर्ताओ ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और प्रमुख महासचिव अरविन्द राजभर पर सवर्ण विरोधी मानसिकता होने का आरोप लगया और कहा कि पार्टी में सिर्फ एक वर्ग विशेष के हित की बात किया जाता है और वह है राजभर शेष जातियों के लिए यह कोई बात नही करते और न ही इनकी कोई योजना ही है।
पत्रकरो से वार्ता करते हुए जिलाध्यक्ष मनोज देव पाण्डेय ने कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पीला झण्डा को उठा कर एक पहचान बनाई लेकिन यहां राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव द्वारा पिछड़ी जाति और सवर्ण विरोधी होने की वजह से सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया जा रहा है। यह लोग उन्ही कार्यकर्ताओ की सुनते है जिनके नाम मे राजभर जुड़ा होता है ऐसे में सवर्णों और पिछडो की उपेक्षा होने की वजह से इस्तीफा दिया है।

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