बभनी/सोनभद्र(विवेकानंद/अरुण पांडेय)
छत्तीसगढ़ की परमिट पर धड़ल्ले से किया किया जा रहा यूपी की नदियों से बालू का परिवहन
यूपी छत्तीसगढ़ की नदियों के सीमांकन के बाद भी खुलेआम हो रहा अवैध खनन
ग्रामीणों द्वारा एक महीने से कर रहे विरोध पर नहीं हुआ कोई असर।
बभनी।थाना क्षेत्र के बैना सागोबांध सीमा क्षेत्र गुलर घाट,छमुहा पागन नदी से बालू की खनन पूरे दमखम के साथ की जा रही है। आपको बताते चलें कि एक माह पूर्व से ही बालू की ठेका होने की बात कहकर माफियाओं द्वारा खनन की जा रही है। जबकि बालू यूपी से खनन होती,और परमीट छत्तीसगढ़ राज्य की बात कहकर बालू की खनन की जा रही है इस बात को लेकर बैना सागोबांध की चौराहे पर ग्रामीणों ने व्यापक प्रदर्शन कर विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव से गुजरने वाली सड़क की स्थति अत्यंत गड्ढों में तब्दील हो गई है जिससे राहगीरों को चलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गांव के सैकड़ों लोगों ने जिलाधिकारी को फोन कर बालू खनन की जानकारी दी जिस पर जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने इसकी जांच करने के लिए तहसीलदार तथा खनन अधिकारी के संयुक्त टीम गठित कर दी। कुछ दिन बाद दोनों प्रदेशों के बीच पागन नदी में11अप्रैल को खनन अधिकारी अनंत कुमार सिंह तथा तहसीलदार शषि भूषण मिश्र दुद्धी,मय फोर्स के साथ दोनों प्रदेशों के बीच पागन नदी का सीमांकन कर पत्थर तथा झंड़े लगाकर सीमा के भीतर खनन नहीं करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन सीमांकन से पूर्व ही यूपी की बालू करीब 25मीटर खनन की जा चुकी थी।जिस पर तहसीलदार ने कड़ी चेतावनी दी थी। लेकिन अभी भी यूपी की सीमा से ही बालू की खनन की जा रही है।
बालू की साइड से गुजर रही ट्रकें ओवरलोड वाहनों के कारण ग्रामीण सड़क अत्यंत गड्ढों में तब्दील हो गई है जिससे राहगीरों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ओवर लोडिंग गाड़ी बंद नहीं किया गया तो ब्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों में विजय कुमार, रामदेव, शिवपूजन, भागीरथी, राजेंद्र प्रसाद, सूर्य देव आदि ने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित कराते हुए तत्काल जांच कर ओवरलोड तथा बालू खनन की साइड की जांच कराने की मांग की है।
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