नई दिल्ली : ।कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक आरएसएस नेता का हवाला देते हुए बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. आप उसे अपने हाथ से नहीं हटा सकते और न ही आप उसे चप्पल से मार सकते हैं.
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘बिच्छू’ संबंधी कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर को तलब किया है. कोर्ट ने कांग्रेस नेता को 7 जून को पेश होने को कहा है. कोर्ट ने 22 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ शशि थरूर के कथित बिच्छू वाले बयान पर उन्हें समन भेजने के मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. थरूर ने एक कार्यक्रम में दावा किया था कि आरएसएस के एक नेता ने मोदी की तुलना ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ से की थी.
इससे पहले, 22 अप्रैल को मामले सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा था कि शशि थरूर को आरोपी के तौर पर तलब किया जाए या नहीं इस पर अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाएगी.
दिल्ली बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा थरूर के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत पर अदालत सुनवाई कर रही है. बब्बर ने अपनी शिकायत में कहा है कि कांग्रेस नेता के इस बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
शिकायतकर्ता ने कहा, ‘मैं भगवान शिव का भक्त हूं… आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिवभक्तों की भावनाओं का अपमान किया है और इसने भारत और देश के बाहर के सभी शिवभक्तों की भावनाओं को आहत किया है.’ शिकायत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की मानहानि से संबंधित धारा 499 और 500 के तहत दर्ज की गई है.
बब्बर ने शिकायत में यह आरोप लगाया है कि थरूर ने गलत मंशा से यह बयान दिया जिससे न केवल हिंदू देवता का अपमान होता है बल्कि यह मानहानि का भी मामला बनता है. बब्बर ने अदालत से थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499/500 (मानहानि) के अंतर्गत कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया है.
बता दें कि थरूर ने 28 अक्टूबर, 2018 को बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था, ‘मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. आप उसे अपने हाथ से नहीं हटा सकते और न ही आप उसे चप्पल से मार सकते हैं. बब्बर ने कहा कि वह इस टिप्पणी से आहत हैं क्योंकि यह न केवल निराधार है बल्कि गुमराह और मानहानि करने वाली भी है. उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि वह मोदी को प्रेरणास्रोत मानते हैं और प्रधानमंत्री के लिए सबसे ज्यादा सम्मान रखते हैं.