सोनभद्र : कलेक्ट्रेट में सीलिग का पटल देखने वाले बाबू आशुतोष श्रीवास्तव द्वारा अपना मेडिकल बिल पास कराने के लिए जिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर बनाने का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल बाबू पर एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया।
सदर कोतवाली पुलिस ने बाबू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है। अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि यह बड़ा मामला है। उक्त बाबू द्वारा गत तीन साल के दौरान पूर्व जिलाधिकारियों का भी फर्जी हस्ताक्षर बनाने के मामले की जांच कराई जा रही है। इसके अलावा उसके मेडिकल बिल में लगाए गए सभी रिपोर्ट के सत्यापन की भी जांच संबंधित अधिकारियों द्वारा की जा रही है। बताया कि सीलिग का पटल देख रहे बाबू आशुतोष श्रीवास्तव द्वारा बिना जिलाधिकारी का हस्ताक्षर कराए ही अपना मेडिकल बिल पास करा लिया गया। इसकी सूचना मिलने पर मामले की जांच कराई गई। जांच में यह बात सामने आया कि बाबू द्वारा अपने मेडिकल बिल को पास कराने के लिए संबंधित अधिकारियों से लगायत जिलाधिकारी तक का हस्ताक्षर फर्जी ढंग से कराया गया है। यह बिल करीब दो लाख रुपये का था। बताया कि इसके पहले भी पूर्व जिलाधिकारी पीके उपाध्याय व अमित सिंह के समय में भी सीलिग बाबू द्वारा मेडिकल बिल पास कराया गया है। श्री सिंह ने बताया कि इसकी भी जांच कराई जा रही है कि क्या उक्त जिलाधिकारियों ने बिल पर हस्ताक्षर किया था या फिर उनका भी फर्जी हस्ताक्षर रहा। एडीएम ने बताया कि इसके अलावा मेडिकल बिल में लगाया गए दस्तावेज की भी जांच के आदेश दिए गए हैं। राबर्ट्सगंज कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक शमशेर यादव ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर बाबू आशुतोष श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है, जिसकी जांच की जा रही है।