ओबी कंपनियों के द्वारा मजदूरों का शोषण जारी सिकल आउटसोर्सिंग कंपनी मजदूरों का भोजन किया बंद।

*मामला सिकल आउटसोर्सिंग कंपनी झिगुरदह परियोजना का।

मोरवा

सिंगरौली। एनसीएल के परियोजनाओं में कार्य कर रहे आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा मजदूरों का शोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ा जाता है कंपनियों के द्वारा मामला पीएफ का हो या खदान में मजदूरों को सुविधा देने को हर जगह हिला हवाले किया जाता है आउटसोर्सिंग कंपनियों के द्वारा ताजा मामला एनसीएल झिंगुरदह परियोजना में आउटसोर्सिंग का कार्य करने वाली सिकल कंपनी में रविवार कि सुबह उस समय अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया जब कर्मचारी रात्रि पाली ड्यूटी कर अपने मेष में नाश्ता करने गए तो पता चला कि कंपनी प्रबंधक द्वारा मेष को बंद कर दिया है । जिससे कंपनी में कार्य कार्यरत कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधक पर शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि रविवार रेस्ट कह कर नो वर्क नो पेमेंट का नोटिस चिपका दिया गया है जिससे कर्मचारी नाश्ता एवं भोजन के लिए भटकते रहे । कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी प्रबंधक मजदूरों से 26 दिन का पेमेंट देने की बात कर रही है जबकि अभी तक सिकल कंपनी एवं एनसीएल के परियोजनाओ ओवर बर्डन हटाने वाली अन्य ओबी कंपनियों में भी 30 दिन का पेमेंट मिलता रहा । आज जब संडे रेस्ट की बात आई तो कंपनी द्वारा नो वर्क नो पेमेंट का नोटिस चिपकाकर मेष को बंद करने का आदेश दे दिया गया जिससे सभी कर्मचारी नाश्ता एवं भोजन के लिए परेशान है । कर्मचारियों ने बताया कि जबकि हम लोग सभी मजदूरों एवं कर्मचारियों का भोजन एवं नाश्ता के लिए वेतन से पेमेंट कटता है इसके बावजूद भी मैस बंद करना यह हिटलर शाही दर्शाता है बताया गया है कि कंपनी द्वारा बढे हुए पेमेंट को नहीं देने की बात की जा रही है पुराने पेमेंट पर ही कार्य कराने का दबाव बनाया जा रहा है। वह भी कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने बताया की पी एफ कटौती का भी हिसाब नहीं दिया जा रहा है जब कंपनी से पीएफ की मांग की जाती है तो एक दो दिन की बात कर कर के महीनों से टाला जा रहा है जब कभी श्रमिको द्वारा शोषण का मुद्दा उठाया जाता है तो पुलिस बुला कर मजदूरों पर दबाव बनाया जाता है जिससे कंपनी में कार्यरत सभी मजदूर इन दिनों काफी परेशान है। सिकल प्रबंधन ने बताया कि कर्मचारियों को रोस्टर के तहत रेस्ट दिया जाता है लेकिन मजदूर 26 दिन का कार्य कर 30 दिन का पेमेंट मांग रहे है जो देना संभव नही है। मजदूरों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन मजदूर कई मांगों को लेकर आज रविवार को रेस्ट पर चले गए जिससे नो वर्क नो पेमेंट की तर्ज पर आज मेष बंद है आखिरकार यह कहां का न्याय है काम आपके कैंप में रहकर कर रहे हैं भोजन का पैसा भी दे रहे हैं और कंपनी तनशाही रवैया अपनाकर मजदूरों का भोजन बंद किया।
मौके पर असंगठित मजदूर संग(इंटक) के अध्यक्ष शेखर सिंह ने मजदूरों से बात करने के बाद कहां कि अगर मजदूरों की मांग कंपनी नहीं मानती तो हम सब गाँधी वादी तरीके से उग्र आदोलन करने की चेतावनी दी है।

Translate »