सोनभद्र। निर्माणाधीन ओबरा-सी विद्युत उत्पादन इकाई से सम्बन्धित समस्याओं का समयबद्ध तरीके से समाधान मुख्य महाप्रबन्धक कराना सुनिष्चित करें। परियोजना के जमीनों को बचाना मूलरूप से परियोजना प्रबन्धन का कार्य है, लिहाजा परियोजना प्रबन्धन अपने जमीन में न तो किसी का अतिक्रमण होने दे और ना ही अतिक्रमण करने वाले को आश्रय दें। उक्त निर्देश जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने निर्माणाधीन ओबरा-सी विद्युत उत्पादन परियोजना के समस्याओं की जानकारी करते हुए मुख्य महाप्रबन्धक विद्युत उत्पादन निगम लि0 ओबरा को सोमवार को दियें। जिलाधिकारी ने कहाकि जिसकी जो सम्पत्ति होती है, वह अपनी सम्पत्ति का देख-भाल का जिम्मेदार होता है। ओबरा पावर प्लांट की जमीन पर अगर किसी ने अतिक्रमण किया है तो यह परियोजना प्रबन्धन की मिलीभगत से हुआ है। प्रबन्धन के लोग पहले मिलीभगत करके अतिक्रमण करवाते हैं, फिर अतिक्रमण हटवाने के नाम पर जिला प्रशासन को परेशान भी करते हैं, लिहाजा अपनी सम्पत्ति को हर हाल में बचायें, किसी अतिक्रमण की स्थिति न उत्पन्न होने पायें। उन्होंने कहा कि ओबरा-सी के निर्माण में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ जिला प्रषासन कदम उठाने में कत्तई नहीं हिचकेगा। उन्होंने कहा कि मुख्य महाप्रबन्धक ओबरा सी के निर्माण से सम्बन्धित नियमानुसार कदम उठायें और अपनी जमीन को अतिक्रमण से भी बचायें। बैठक में जिलाधिकारी श्री अग्रवाल के अलावा मुख्य महाप्रबन्धक ओबरा विद्युत उत्पादन निगम श्री सी.पी. मिश्र, अपर जिलाधिकारी श्री योगेन्द्र बहादुर सिंह सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।