सोनभद्र। दुद्धी कोतवाली इलाके सुन्दरी गांव में 7 अप्रैल को उस वक्त हडकम्प मच गया था जब ग्राम प्रधान के घर पर एक लिफाफे में लटकता हुआ पत्र मिला जिसमे नक्सलाईट जिंदाबाद लिखा होने के साथ ही कनहर सिंचाई परियोजना के विस्थापितो की समस्या को दूर करने को कहा गया ऐसा नही होने पर 9 अप्रैल को परियोजना का काम बंद नही होने पर जान का खतरा होगा और विस्थापितों को 5 करोड़ रुपये दिया जाय।
पत्र में लाल कलम से कनहर के विस्थापितों की समस्या को प्रारूप 3 , 6 व 11 के द्वारा हल करने की बात लिखा गया है। इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक का कहना है कि कनहर सिंचाई परियोजना के विस्थापितों को मुआवजा की बात को लेकर सुन्दरी ग्राम प्रधानपति और एचइएस कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारी धमकी भरा पत्र लिख कर व फोन करके 5 करोड़ रुपये की मांग किया गया था।
देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के गृह जनपद चन्दौली की सीमा से सटे सोनभद्र जिले की सीमा चार नक्सल प्रभावित राज्यो छत्तीसगढ़ , मध्य प्रदेश , बिहार और झारखण्ड से लगी हुई है।
छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की सीमा से लगे कनहर सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमे सोनभद्र के दर्जनों गांव डूब क्षेत्र में शामिल है इन्ही में से एक गांव सिन्दूरी है जहां नक्सलाईट जिंदाबाद के नारे के साथ नौ अप्रैल को काम नही बन्द हुआ तो ग्राम प्रधान सिन्दूरी , कनहर सिंचाई परियोजना के अधिशाषी अभियन्ता और कार्यदायी संस्था एचइएस के राजन को जान का खतरा है। इस पत्र में सीधे लिखा हुआ है कि विस्थापितों की समस्या को दूर किया जाय । जिसमे प्रारूप 3 , 6 व 11 के आधार पर विस्थापितों की समस्या को हल किया जाएगा। प्रधान पति ने बताया कि 3 अप्रैल को रात में 10 बजे फोन आया था कि कनहर डैम का काम रोकवा दीजिये हमने कहा कि हम काम नही रोकवा पाएंगे।
रविवार की सुबह मेरे पिता जी को दरवाजे पर लटकता हुआ एक पत्र मिला हमारे पत्र पढ़कर मुझे फोन किया तो मैं अपनी पत्नी के साथ गांव गया जिसमें विस्थापित की समस्या के बारे में लिखा था जिसमे प्रारूप 6 , 3 व 11 के बारे में लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि 9 अप्रैल को काम नही बन्द हुआ तो ग्राम प्रधान , एक्सईएन कनहर और कार्यदायी संस्था के राजन को खतरा है।
वही पुलिस अधीक्षक का कहना है कि दुद्धी कोतवाली इलाके के सुन्दरी ग्राम प्रधानपति फणीश्वर जायसवाल और कनहर सिंचाई परियोजना के वरिष्ठ अधिकारी राजन को निर्माण कार्य को रोकने और मुआवजा सूची में नाम बढ़ाने को लेकर एक पत्र के माध्यम व फोन के द्वारा धमकी दी गयी थी जिसकी गहनता से जांच किया गया। जिसमे सुन्दरी गांव के तीन लोगों द्वारा एक पत्र लिखकर एक हजार लोगों को 5 करोड़ के हिसाब से मुआवजा देने की मांग किए थे। पत्र में नक्सलाईट जिंदाबाद लिखा गया था जिसे पुलिस को गुमराह करने का कार्य किया गया है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिन्हें सम्बन्धित धाराओ में न्यायालय भेजा जा रहा है। इस मामले में किसी तरह से नक्सलाईट की भूमिका नही है। इन लोगो का उद्देश्य था कि ग्राम प्रधान और एचइएस कम्पनी के माध्यम से तीसरी पीढ़ी का नाम भी विस्थापितों के मुआवजा सूची में शामिल कराया जाएगा क्योंकि ग्राम प्रधान की पहल से ही जिला प्रशासन विस्थापितों को मुआवजा की सूची तैयार करती है। इस मामले में श्याम नारायण पुत्र जवाहिर प्रजापति , रामजीत गुप्ता पुत्र कुलदीप और सादिक हुसैन पुत्र नूर मोहम्मद सभी निवासी सुन्दरी को गिरफ्तार किया गया है। इसमें अभियुक्त में रामजीत गुप्ता 14 अप्रैल 2015 में कनहर सिंचाई परियोजना में हुए आगजनी , बलवा , मारपीट जिसमे तत्कालीन एसओ को भी मारपीटा गया था की घटना में शामिल था।