नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने रविवार को लोेकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया। 2019 लोकसभा चुनाव में 10 लाख बूथ बनाए जाएंगे। सभी बूथों पर वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का इस्तेमाल होगा। यह पहला मौका है जब देशभर में सभी बूथों पर इन मशीनों का इस्तेमाल होगा। प्रत्याशियों केएक जैसे नाम सेवोटर भ्रमित न हों इसलिए वोटिंग मशीनपर पार्टी के नाम और चिन्हके साथ ही उम्मीदवारों की फोटो भी होगी।
इस बार लोकसभा चुनाव में 90 करोड़ वोटर होंगे। इनमें 8.43 करोड़ नए वोटर हैं। कुल वोटरों में 1.5 करोड़ 18-19 साल की उम्र के मतदाता हैं।
ईवीएम ले जाने वाले वाहनों में लगेगाजीपीएसट्रैकिंग सिस्टम
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया किईवीएम पर कड़ी नजर रखी जाएगी। इसके लिए मशीनों को ट्रैक करने के लिए इन्हेंलाने-ले जाने वाले सभी वाहनों मेंजीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में इसे लेकर शिकायतें मिली थीं।लोकसभा चुनाव के लिए हेल्पलाइन नंबर-1950 होगा।मोबाइल पर ऐप के जरिए भी आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दी जा सकती है और 100 मिनट के भीतर हमारे अधिकारी को इस पर एक्शन लेना ही होगा। शिकायतकर्ता की निजता का ख्याल रखा जाएगा।
मॉनिटरिंग कमेटी में सोशल मीडिया एक्सपर्ट भी शामिल होंगे
लोकसभा चुनाव मेंपहली बार सोशल मीडिया एक्सपर्ट मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमेटी का हिस्सा होंगे। प्रत्याशियों को सोशल मीडिया अकाउंट और उसपर प्रचार में खर्च राशि की जानकारी देनी होगी। सोशल मीडिया पर खर्च राशिको प्रत्याशियों के चुनावी खर्चे में जोड़ा जाएगा। अरुणाचल, गोवा और सिक्किम को छोड़कर अन्य सभी राज्यों के प्रत्याशी चुनाव में 70 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। वहीं, इन तीनों में राज्यों में यह राशि 54 लाख रुपए है।
बिना पैनकार्ड उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होगा
चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार लोकसभा चुनाव में सभी प्रत्याशियों को न केवल पिछले पांच साल की आय का ब्यौरा देना होगा, बल्कि पैन कार्ड भी देना अनिवार्य होगा। अगर कोई उम्मीदवार पैनकार्ड नहीं लगाता तो उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही उम्मीदवारों को विदेश में मौजूद संपत्ति की भी जानकारी देनी होगी। इस बार फॉर्म 26 में सभी जानकारियांभरनीहोंगी, नहीं तो नामांकन रद्द हो जाएगा।
क्या है वीवीपैट?
इसके तहत ईवीएम से प्रिंटर की तरह एक मशीन अटैच की जाती है। वोट डालने के 10 सेकंड बाद इसमें से एक पर्ची बनती है, इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया है उसका नाम और चुनाव चिह्न होता है। यह पर्ची सात सेकंड तक दिखती है, इसके बाद मशीन में लगे बॉक्स में चली जाती है। इस मशीन को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड डिजायन किया है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 2013 में नगालैंड विधानसभा चुनाव में हुआ था।
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