सैनिक करवा रहे स्पर्म फ्रीज, 3 साल में 3 गुना तक बढ़े

[ad_1]


सैनिकों द्वारा स्पर्म फ्रीज करवाने का नया ट्रेंड सामने आ रहा है। भास्कर पड़ताल में पता चला है कि पिछले तीन-चार साल में ही ऐसे सैनिकों की संख्या तीन गुना तक बढ़ गई है।अहमदाबाद सेनवल सिंह राठौड़, जयपुर सेसुरेंद्र स्वामी, पटना सेअजय कुमार सिंह, रायपुर सेपीलूराम साहू की रिपोर्ट।

जिंदगी की अनिश्चितता को ध्यान में रख निर्णय
अहमदाबाद के डॉ. भरत पारिख कहते हैं कि संवेदनशील इलाकों और सरहद की सुरक्षा में लगे जवान जिंदगी की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए ऐसा निर्णय लेते हैं। वे कहते हैं कि हमारे पास आने वाले जवान तो बेखौफ रहते हैं, लेकिन उनकी जीवन साथी स्पर्म फ्रीज करवाने के लिए तैयार करती हैं। जालंधर की डॉ. रीता ढींगरा ने बताया कि सरकार की तरफ से मिलिट्री हॉस्पिटल (एमएच) में स्पर्म फ्रीज करवाने के लिए सेंटर बनाए गए हैं। मिलिट्री अस्पतालों में इसके लिए पैसा नहीं लिया जाता है। जिसके चलते प्राइवेट अस्पतालों में एक से दो फीसदी सेना के जवान ही स्पर्म फ्रीज करवाने के लिए आ रहे हैं।

दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिकों की संख्या ज्यादा

डॉक्टर्स बताते हैं कि स्पर्म फ्रीज करवाने वाले सैनिकों में ज्यादा सैनिक ऐसे हैं जिनकी तैनाती बेहद दुर्गम इलाकों में हो जाती है। इनमें कुछ सैनिक ऐसे भी होते हैं जिन्हें नौकरी के कारण छुट्‌टी कम मिलती है। अहमदाबाद के डॉ. नितिन लाल ने बताया कि हम अपने यहां संवेदनशील सीमा पर तैनात सैनिकों के स्पर्म को मुफ्त में फ्रीज करते हैं। वे कहते हैं कि दो साल पहले जब मैं पत्नी के साथ करगिल गया था तो वहां सैनिकों को देख कर ये फैसला लिया था। डॉ. नितिन कहते हैं कि आमतौर हमने देखा है कि जब स्पर्म देने के लिए सैनिक पत्नी के साथ आते हैं तो वे बेखौफ-आत्मविश्वास से लबरेज होते हैं। वे पत्नियों के आग्रह के चलते आते हैं। कश्मीर जैसे क्षेत्रों में कभी भी कुछ भी हो सकता है।

गुजरात: यहां अधिकांश सेंटरों पर आ रहे हैं पहले से ज्यादा सैनिक

2013 से 2018 के दौरान गुजरात में सैनिकों द्वारा स्पर्म फ्रीज कराने के मामले में तीन गुना वृद्धि हुई है। अहमदाबाद के एक स्पर्म बैंक के डॉ. हिमांशु बातीसी बताते हैं कि 2013 से 2015 की अवधि में 25-30 सैनिकों ने स्पर्म फ्रीज करवाया। 2016 से 2018 में ये आंकड़ा बढ़ कर 130 से 140 हो गया। इसी तरह अक्षर आईवीएफ, रोजमेरी हॉस्पिटल में 2013 से 2015 में दो-तीन सैनिकों ने स्पर्म फ्रीज करवाए। 2016 से 2018 में यह संख्या 25 के करीब पहुंच गई। अहमदाबाद के मनन हॉस्पिटल में भी ऐसी ही बढ़ोतरी हुई है।

गुजरात:शेखावाटी क्षेत्र के सैनिक सबसे आगे

यहां आर्मी, नेवी में काम करने वाले सैनिकों में स्पर्म फ्रीजिंग का ट्रेंड बढ़ा है। शेखावाटी क्षेत्र के सैनिकों में ये ट्रेंड ज्यादा है। जयपुर के एक फर्टीलिटी सेंटर के संचालक ने बताया कि शेखावाटी क्षेत्र सीकर, चुरू, झुंझुनू जिलों में तीन साल पहले जहां 5-10 सैनिक फ्रीजिंग करवाते थे। वो अब 30 के पार हो गया है। कुछ सैनिकों ने गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी फ्रीजिंग करवाई है।

बिहार: उरी हमले के बाद यहां मुफ्त की सुविधा शुरू
पटना के सृजन बांझपन केंद्र में भी स्पर्म फ्रीज कराने के लिए पांच सैनिक आए हैं। इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु राय का कहना है कि सैनिकों से स्पर्म बैंकिंग और सलाह की सुविधा मुफ्त में देने की व्यवस्था रखी गई है। नोटिस बोर्ड पर इसकी सूचना भी लगा दी गई है। उड़ी में हुए हमले के बाद से ही सैनिकों को यह सुविधा दी जा रही है। सैनिकों के लिए शुल्क में छूट भी व्यवस्था है।

महाराष्ट्र: आम लोगों सेे ज्यादा सैनिकों में ये ट्रेंड

सामान्य लोगों के मुकाबले सैनिकों में स्पर्म फ्रीज का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। विशेषज्ञों का दावा है कि आम लोगों के मुकाबले सैनिकों में यह ट्रेंड 35-40% ज्यादा बढ़ रहा है। सामान्य लोगों में स्पर्म फ्रीजिंग को लेकर गलतफहमियां हैं। बहुत से पुरुषों को स्पर्म काउंट कम आने का डर भी रहता है। जहां पत्नी निवास करती है, उस गांव/शहर के नजदीकी अस्पताल में सैनिक फ्रीजिंग करवा रहे हैं।

अजीब किस्सा: पत्नी की मौत के बाद अड़ा है ये सैनिक

रायपुर के एक आईवीएफ सेंटर प्रबंधन के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है। सेंटर में एक सैनिक ने अपना स्पर्म और पत्नी का ओवम भी सुरक्षित रखवा दिया था। दोनों अलग-अलग रखे गए थे। उसने इसे सुरक्षित रखने के लिए एक साल का अनुबंध किया था, लेकिन दो साल तक वो नहीं आया। सेंटर प्रबंधन की ओर से संपर्क किए जाने पर वह हर बार यही कहता रहा है कि जल्दी उनका उपयोग करवाएगा। दो साल सुरक्षित रखने के बाद उसने पत्नी को अस्पताल में गर्भ धारण करने के लिए भर्ती करवाया, लेकिन उसी समय उसे स्वाइन फ्लू हो गया। पत्नी की मौत हो गई। उसका ओवम सुरक्षित है। अब सैनिक जिद पर अड़ा है कि वह अपनी पत्नी के ओवम का ही इस्तेमाल अपनी दूसरी पत्नी पर करेगा। परिवार वाले उसकी दूसरी शादी की तैयारी में हैं, लेकिन रिश्ता तय नहीं हो पा रहा है। इधर सेंटर वाले परेशान हैं कि स्पर्म और ओवम को कब तक सुरक्षित रखें।

माइनस 196 डिग्री में रखा जाता है स्पर्म
अहमदाबाद के डॉ. धर्मेश कापड़िया बताते हैं कि सबसे पहले व्यक्ति का ब्लड टेस्ट होता है। इसके बाद उसके स्पर्म काउंट का विश्लेषण किया जाता है। इसके बाद स्पर्म और इसके द्रव्य (सॉल्यूशन) का एक साथ मिश्रण किया जाता है। जितना स्पर्म उतना ही द्रव्य होता है। दस मिनट बाद इसके तीन हिस्से करके संरक्षित कर दिया जाता है। तीन हिस्से इसलिए ताकि एक सैंपल फेल हो तो विकल्प मौजूद रहे। सैंपल पर डॉक्टर और स्पर्म फ्रीज करवाने वाले व्यक्ति का विवरण होता है। ये सैंपल लिक्विड नाइट्रोजन में फ्रीज करके रखे जाते हैं। तापमान -196 डिग्री होता है। इस तरह फ्रीज किए गए स्पर्म को वर्षों तक संरक्षित रखा जा सकता है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


Sperm freeze trends in soldiers

[ad_2]
Source link

Translate »