सोनभद्र/दिनांक 06 मार्च, 2019। जिम्मेदार अधिकारी परोपकार की भावना से लगकर ‘‘ पोषण मिषन ‘‘ को अमलीजामा दें। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के साथ ही अन्य सहयोगी विभाग शासन की मंशा के अनुरूप दी गयी जिम्मेदारियों को निभाते हुए जिले के कमजोर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को बेहतर सेहत की सेवा करते हुए परोपकारी बनें। उक्त बातें प्रभारी जिलाधिकारी/ मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बुधवार को कलेक्ट्रेट मीटिंग हाल में ‘‘ पोषण मिषन‘‘ के अन्तर्गत जिला स्तरीय पोषण कन्वर्जेन्स कार्यशाला में कहीं। जिला स्तरीय पोषण कन्वर्जेन्स कार्यषाला के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य पोषण मिशन के अन्तर्गत ग्राम स्तर पर होने वाली बैठकों को सुचारू रूप से किया जाय, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार तथा सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारीगण क्षेत्र में बैठक कर ग्रामीणों को राज्य पोषण मिशन के तहत चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए लोगों को जागरूक करें। नागरिकों को सही जानकारी होने पर, गांव में कुपोषित बच्चों को समय से पहले उनके स्वास्थ्य के प्रति देख-भाल की मुकम्मल व्यवस्था की जा सकती है। सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारीगण अपने-अपने कार्यों की सही रूप-रेखा तैयार करके कार्यों को अमलीजामा दें। गांव स्तर पर कर ग्राम स्तरीय कन्वर्जेषन, ब्लाक स्तरीय कन्वर्जेषन और जिला स्तरीय कन्वर्जेषन अपनी-अपनी टीम को जिम्मेदारी के साथ में आपस में समन्वय बनाते हुए कर्मचारी व अधिकारीगण कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए हर संभव मदद करें। सभी विभाग के अधिकारीगण आपस में समन्वय बनाते हुए कुपोषित बच्चों के परिवार को शासन द्वारा संचालित सभी योजनाओं को उन्हें लाभान्वित किया जाय और उन्हें षिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाय। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा गर्भवती महिलाओं के लिए शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं का चार्ट बना लें और उसमें क्या-क्या सुविधाएं दी गयी है और क्या सुविधाएं दी जानी है, का रोस्टर के हिसाब से समय-समय पर देते रहें, ताकि जिले में कोई भी बच्चा कुपोषित पैदा न होने पायें। बैठक के दौरान नीति आयोग द्वारा पोषण मिशन पर बल देते हुए कहा कि मातृत्व वंदना योजना के तहत दी जाने वाली सुविधाएं देने के लिए व कुपोषण को समाप्त करने के लिए स्कूलों, गांवों में जन आन्दोलन का रूप देकर कार्य किया जाय। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि पोषण को सतत विकास के लिए तकनीकी माध्यम से भी ट्रैक किया जाय, जिससे कि कोई भी बच्चा या गर्भवती महिला को शासन द्वारा मिल रहे लाभों से वंचित न रहने पायें। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी सेवाओं के दौरान बच्चों व बच्चों को जन्म देने वाली गर्भवती महिलाओं की खिदमत का मौका पाना खुशनसीबी है। बच्चें चाहे किसी के भी हों, उन बच्चों में प्रकृति की चेतना होती है। बच्चा जब कमजोर पैदा होगा या पैदा होने के बाद सही खान-पान न मिलने से कमजोर है, उसकी यानी जच्चा व बच्चा के तन्दुरूष्ती को बेहतर करने के लिए सेवा का मौका पाना बहुत बड़ा आत्मसुख का मौका पाना है। राज्य पोषण मिशन के अन्तर्गत आने वाले सभी पहलुओं की बिन्दुवार बारी-बारी से गहनतापूर्वक समीक्षा की। कार्यशाला के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों का दायित्वबोध कराते हुए कहा कि कुपोषित युक्त गांवों के बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए सम्बन्धित अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण आदि समय-समय पर करते हुए, ताकि जच्चा-बच्चा को समय से टीकाकरण कराते हुए पुष्टाहार वितरण पर भी नजर रखें। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि ‘‘राज्य पोषण मिषन‘‘ को मूर्त रूप देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों में कुपोषण के चिन्हांकन हेतु अभियान चलाकर वजन कराया जाय। आयोजित वजन दिवस के मौके पर मूल विभाग, बाल विकास एवं पोषाहार के कार्मिकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों का वजन कराया जाय और वजन कराने वाले बच्चों का डाटाश्षीट भरी जाय। वजन के दौरान मानक से कम वजन पाये जाने पर गंभीर श्रेणी यानी लाल श्रेणी के बच्चों को जिले स्तर पर स्थापित स्वास्थ्य एवं पोषण सेन्टर में भर्ती कराया जाय। कार्यषाला में प्रोजेक्टर के माध्यम बच्चों की देख-भाल व गर्भवती महिलाओं के आंकड़ों व उनके खान-पान व्यवस्था की मुकम्मल जानकारी दी गयी। इस मौके पर प्रभारी जिलाधिकारी श्री अजय कुमार द्विवेदी ,अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बी0के0 अग्रवाल, पशु मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजीत कुमार सिंह,पिरामल फाउण्डेशन के पदाधिकारीगण, सेक्टर अधिकारीगण सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें। प्रोजेक्टर के माध्यम से सुश्री सिमोना ने विस्तार से जानकारी दी।