क्या आप जानते हैं कि अब डिंपल यादव की सबसे अच्छी मित्र कौन हैं? जिनकी अभी हाल ही में एक-दूसरे से बहुत गहरी छनने भी लगी है? वह हैं प्रियंका गांधी वाड्रा। दोनों की खूब मुलाकात होती है, बात तो लगभग रोज ही होती है। बात चुनाव पर भी होती है और चुनाव प्रचार से लेकर उम्मीदवारों पर भी होती है। सब कुछ अनौपचारिक रूप से। अच्छा तरीका है। जब राहुल अखिलेश को ट्रैक करते हैं, तो यह ट्रैक 2 हुआ ना?
पता है, पर बताएं कैसे
कांग्रेस मांग कर रही है कि सरकार पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई की सारी जानकारी सार्वजनिक करे। ठीक-ठीक कितने मारे गए? एक सरकारी स्रोत ने बताया- हम अधिकृत तौर पर ऐसा नहीं कर सकते हैं। वाजपेयी सरकार के समय कारगिल युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और जिहादियों पर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की गई थी। आडवाणी इसे संसद में रखने के इच्छुक थे। कमल पांडे भी सहमत थे। लेकिन उस समय अजीत डोवाल ने इस पर आपत्ति जताई थी। बृजेश मिश्रा डोवाल की बात से सहमत थे। श्वेत पत्र जारी नहीं किया गया। मिश्रा-डोवाल का कहना यह था कि बहुत सी जानकारी आईबी देती तो सही है, लेकिन कुछ चीजों काे साबित करना कठिन होता है। हर सच का सबूत नहीं जुटाया जा सकता है। अब सरकार का कहना है कि हमारे पास बालाकोट की सैटेलाइट तस्वीरें हैं, लेकिन और जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है। आधिकारिक तौर पर सरकार उसे भी जारी नहीं करेगी, लेकिन अनौपचारिक रूप से समय आने पर जानकारी सामने आ जाएगी।
जो फौज है, वही फांटा है
भये तीन बरस बीत। बात मार्च 2016 की है। तब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) नासिर खान जंजुआ ने अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल को यह खुफिया जानकारी दी थी कि गुजरात में शिवरात्रि के दिन मुंबई स्टाइल का हमला करने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 10 आत्मघाती आतंकवादी गुजरात में प्रवेश कर चुके हैं। डोवाल ने एनएसजी की टीमें
अहमदाबाद भेजकर सोमनाथ मंदिर और सभी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा
पक्की करवा दी थी। हुआ कुछ नहीं। लेकिन यहां से पाकिस्तानी सेना को नवाज शरीफ और जंजुआ खटकने लगे। जंजुआ-डोवाल की दोस्ती भी खटाई में पड़ गई। इसके बाद पठानकोट पर हमला हुआ। अब किसी को उम्मीद नहीं है कि पाकिस्तान भारत को मसूद के बारे में कोई खास जानकारी देगा।
ममता का हेलीकाप्टर संकट
ममता मांगे हेलीकॉप्टर। चुनाव प्रचार के लिए। लेकिन हेलीकॉप्टर मिलता नहीं। सब पहले ही बुक हो चुके हैं। ममता के पास बचता है पुलिस का डंडा। लेकिन न उससे प्रचार होता है, न हेलीकॉप्टर रुक पाता है। क्या करें? दीदी सचमुच परेशान है। वह सोचने लगी हैं कि हेलीकॉप्टर न मिलना भी कोई साजिश है। रजनीकांत टाइप कोई समाधान खोज रही हैं।
गजब हैं महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती पक्की नेता हैं। जब बीजेपी के साथ सरकार चलाई, तो भी अपने समर्थकों को निराश नहीं होने दिया, और अब तो पाकिस्तान में भारत की कार्रवाई के बाद कश्मीर में उनके समर्थक उबल ही रहे हैं। हाल ही में वह दिल्ली आईं और नोएडा में रजत शर्मा को उन्होंने स्टूडियो में लंबा इंटरव्यू दिया। स्टूडियो में दर्शकों का मूड उनके खिलाफ था, लेकिन महबूबा सारी बातें सहकर भी हुर्रियत टाइप लाइन पर डटी रहीं। आखिर कश्मीर में उमर अब्दुल्ला को उभरने न देने की चुनौती जो है।
बंगाल शादी फोरम – बीएसएफ
राघवेंद्र सिंह इन दिनों कपड़ा सचिव हैं, पहले अफगानिस्तान विशेषज्ञ होते थे। रहने वाले राजस्थान के, लेकिन कैडर के लिहाज से पश्चिम बंगाल के हैं। हाल ही में उनके बेटे की शादी हुई। रिसेप्शन हुआ बीएसएफ ऑफिसर्स मेस में। पता चला कि हाल के समय में बीएसएफ ऑफिसर्स मेस में पश्चिम बंगाल कैडर के अधिकारियों के बच्चों की शादी-रिसेप्शन वगैरह का यह तीसरा मौका है। उनसे पहले रंजीत पचनंदा और रक्षा सचिव संजय मित्रा यहां मेजबान बन चुके हैं।
पर फिलिम तो बन गई
दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल का भाषण आपने सोशल मीडिया पर तो देख लिया होगा, लेकिन भारत के टीवी और अखबारों में कम ही देखा होगा। दरअसल केजरीवाल विधानसभा में तो बहुत
जोश में बोल गए, मोदीजी ये और मोदीजी वो। लेकिन कुछ केजरीवाल के मीडिया सलाहकारों ने कहा कि ये जरा ज्यादा ही ज्यादा हो गया।
फिर उनके मीडिया मैनेजर भारतीय प्रिंट और टीवी मीडिया को साधने में जुट गए।
टर्न हो, तो यू टर्न लें
दिल्ली में तैनात वरिष्ठ अधिकारी इन दिनों काफी खफा हैं । दरअसल मकानों के आबंटन में इन दिनों ‘आउट ऑफ टर्न’ का बोलबाला चल रहा है। अब टर्न वाले क्या करें?
क्या है रहस्य !
पिछले दिनों जहरीली शराब से मौतों की कई घटनाएं हुई हैं । असम, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश आदि। रहस्यपूर्ण बात यह है कि सारी घटनाएं उन राज्यों में घटी हैं, जहां बीजेपी की सरकारें हैं।
ट्रांसफर पर टक्कर
मध्यप्रदेश में पुलिस अधिकारियों के धकापेल ट्रांसफर हुए हैं। इनमें लोकायुक्त के लिए काम करने वाले पुलिसकर्मी भी थे। अब इसे लेकर लोकायुक्त और राज्य सरकार में टकराव की स्थिति बन गई है।
रियल कुंदन
बिहार केडर के आईएएस अधिकारी कुंदन कुमार को कैबिनेट सचिव ने अपने आंतरिक आकलन में देश का सर्वश्रेष्ठ निजी सचिव करार दिया है। कुंदन कुमार फिलहाल गृहमंत्री के निजी सचिव हैं।
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