शाहगंज/सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)शाहगंज और रावर्टसगंज के मध्य बसंत पंचमी के पर्व पर गौरी शंकर मंदिर पर हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव माता पार्वती के यहाँ मत्था टेका और दर्शन पूजन किया।
साथ ही मेले में तरह-तरह की दुकानें सजी रही यहां का सबसे प्रसिद्ध मिठाई गुड़हिया जलेबी है जो गुड़ के सिरे में डुबोकर बनाई जाती है जो प्रत्येक वर्ष मेले में ही मिलती हैं इस मेले में पत्थर से बने घरेलू सामान भी कारिगरों के द्वारा बनाए जाते हैं। गौरी शंकर मंदिर में अद्भुत शिवलिंग का इतिहास बहुत ही प्राचीन है धरती से निकले शिवलिंग मे शिव-पार्वती विद्यमान हैं 11 वीं शताब्दी से पहले की शिवलिंग काले पत्थर व लाल पत्थर से मिलकर बना है। शिवलिंग में मां गौरी की आकृति उनके केस और जटा से मां गंगा की धारा को दर्शाया गया है मान्यता है कि यहां भक्तों की मनवांछित कामनाएं महादेव और माँ गौरी पुर्ण करती हैं।इसी वजह से गांव का नाम गौरी शंकर पड़ा मंदिर परिसर में सैकड़ों वर्ष पुराना बरगद का पेड़ भी है। बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण सन् 1850 मे मूसाबार गांव के जमींदार रामसहाय पांडेय ने कराया था इसके बाद से मंदिर की देख-रेख तभी से गोसाई गिरी परिवार बारी बारी से करता चला आ रहा है।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal
