कोलकाता (एम. रहमान सरकार).कोलकाता के बीचोंबीच स्थित है धर्मातला। यहां पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से सारदा चिटफंड मामले में सीबीआई पूछताछ के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार शाम से धरने पर बैठी हुई हैं और यहीं से सरकार चला रही हैं। यहां बजट के लिए कैबिनेट बैठक हुई। पूरी लड़ाई ममता सरकार बनाम मोदी सरकार में बदल गई है। इस मुद्दे पर ममता को समर्थन देने के लिए डीएमके नेता कनिमोझी, राजद नेता तेजस्वी यादव समेत तमाम नेता पहुंच रहे हैं। राज्य में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।
-
तृणमूल कांग्रेस ने इस घटनाक्रम के खिलाफ रैलियां कीं। दोपहर दो से तीन बजे के बीच टीएमसी वर्कर्स ने अपनी जगह पर खड़े होकर विरोध जताया। कई जगहों पर ट्रेनें रोकीं और रास्ता जाम किया। कुछ जगहों पर टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें भी हुईं। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है। इससे लोगों कोे लग रहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
-
टीएमसी ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे लोगों को बताएं कि राष्ट्रीय स्तर पर ममता बनर्जी के बढ़ते कद से मोदी सरकार घबरा गई है। विपक्ष की 20 से ज्यादा पार्टियां उनके समर्थन में खड़ी हैं। इसलिए उन्हें बदनाम करने के लिए चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
-
दूसरी तरफ भाजपा ने कोलकाता में प्रेस कॉन्फेंस की। मिदनीपुर, उत्तर बंगाल और जलपाईगुड़ी में सभाएं की। इसमें भाजपा नेताओं ने कहा कि ममता सरकार 40 हजार करोड़ के चिटफंड घोटाले में शामिल है। वे नहीं चाहती कि घोटाले से जुड़े लोगों के नाम सामने आएं। मोदी सरकार गरीबों का खोया पैसा उन्हें वापस दिलाना चाहती है।
-
इन सबके बीच ममता बनर्जी की करीबी रहीं पूर्व डीआईजी भारतीय घोष भाजपा में शामिल हो गईं। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद थे। भारती ने पश्चिम मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक पद से तबादले के बाद पुलिस महानिदेशक को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
-
सारदा चिटफंड घोटाले में नामजद और राज्यसभा में टीएमसी सांसद कुणाल घोष से जब पूछा कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने पूछताछ के दौरान आपके साथ किस तरह का बर्ताव किया था। इस पर घोष ने कहा कि मैं समझता हूं कि राजीव निष्पक्ष अधिकारी नहीं है। अगर वे निष्पक्ष होते तो उनकी जांच में इस मामले से जुड़े कई सारे षड्यंत्र पकड़े जाते और मुझे टॉर्चर नहीं किया जाता। उनकी वजह से कई सारे षड्यंत्रकारी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हां, इतना जरूर है कि उनका इस मामले से कोई सीधा जुड़ाव नहीं है।
-
दूसरी तरफ निजाम प्लेस और सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित सीबीआई दफ्तर को छावनी में तब्दील कर दिया। केंद्र सरकार ने इनकी सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को दिया है। सुरक्षाबलों ने परिसर के आसपास से गुजरने वाले लोगों से पूछताछ भी की। यहां दिनभर सीबीआई अफसरों का आना-जाना लगा रहा और मीटिंग का दौर चलता रहा। यहां अफसरों ने पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सुबूत जुटाने के लिए डॉक्यूमेंट खंगाले। दोपहर बाद कोलकाता के सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर पंकज श्रीवास्तव के साथ सीबीआई अफसरों की टीम दिल्ली रवाना हो गई। इन सबके बीच सीबीआई अफसरों ने मीडिया से दूरी बनाई रखी। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने सीबीआईअफसरों को हिरासत में लेकर इन्वेस्टिगेशन प्लान बताने के लिए दबाव डाला। साथ ही दावा किया कि सीबीआई ने तीन बार पत्र लिखकर राजीव कुमार से मौजूद रहने को कहा था।